किसान नेता सरकार के साथ बैठक से पहले बोले, हमें आज की वार्ता से भी कोई उम्मीद नहीं

किसान नेताओं ने कहा है कि दो दिन पहले ही सरकार के मंत्री ने कहा कि हम कृषि कानूनों को वापस नहीं लेंगे, ऐसे में आज की वार्ता से भी हम बेउम्मीद हैं, जबकि हम चाहते हैं कि बैठक में हल निकले...

Update: 2021-01-20 07:20 GMT

किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बैठक का फाइल फोटो।

जनज्वार। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संघों व केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को होने वाली बैठक से पहले प्रमुख किसान नेताओं ने कहा है कि उन्हें आज की बैठक से भी कोई उम्मीद नहीं है। पिछले डेढ महीने से कई चरणों की बैठक के बाद भी किसानों की मुख्य मांग तीन नए कानूनों की वापसी व एमएसपी को वैधानिक मान्यता देने को लेकर सरकार ने कोई पाॅजिटिव संकेत अभी तक नहीं दिया है।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने आज कहा कि दे दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे। सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है, इस परिस्थिति में वार्ता में बहुत कुछ होगा, ऐसी उम्मीद नहीं है। वहीं, सिंघु बाॅर्डर पर एक और किसान नेता ने कहा कि आज की बैठक भी पहले जैसी होगी, बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में हम इसलिए जाते हैं ताकि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका कोई हल निकाले। लेकिन, हल निकालने पर सरकार का अभी भी मन नहीं बना है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए एक कानून बनाए। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन इन्हीं मांगों को लेकर है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन कृषि में कारपोरेट सिस्टम लाने के खिलाफ है।


वहीं, किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा किसान एकता मोर्चा ने एक ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की कानूनी चिंताओं का जवाब नहीं दे रही है और वह उनका विश्वास खो रही है।

बुधवार को किसान आंदोलन का 55वां दिन है और किसानों ने 23 व 24 जनवरी को किसान संसद आयोजित करने का निर्णय लिया है, वहीं 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड का आयोजन किया जाएगा जिसमें अपनी मांगों के समर्थन में किसान ट्रैक्टर से प्रदर्शन करेंगे।

इस बीच 21 जनवरी को किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की बैठक होगी।

26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड रिंग रोड पर करने का फैसला

वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गणतंत्र परेड के जरिए हम गणतंत्र दिवस परेड में बाधा नहीं डालेंगे। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि किसान गणतंत्र परेड का आयोजन रिंग रोड पर किया जाएगा और इसके लिए आज की बैठक में सरकार को इस बारे में कहा जाएगा। 


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