वार्ता के लिए सिंघु बार्डर से निकले किसान नेता, बड़ा सवाल- क्या आज खत्म होगा गतिरोध?
केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की पांच दौर की वार्ता अबतक बेनतीजा रही है, आज छठे दौर की वार्ता पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं...
जनज्वार। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का आज 35वां दिन है, साथ ही साल 2020 भी समाप्ति पर है। केंद्रीय सरकार के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की पांच दौर की वार्ता अबतक बेनतीजा रही है। आज 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता के लिए किसान संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली स्थित विज्ञान भवन के लिए निकल पड़े हैं। सबकी नजरें इस वार्ता पर टिकी हुई हैं।
इस बीच केंद्र सरकार में राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने जहां आज की वार्ता के बाद किसान आंदोलन के समाप्त हो जाने की उम्मीद जताई है, वहीं किसान नेता सुखविंदर सिंह साबरा ने इस वार्ता से भी कोई हल न निकल पाने की भविष्यवाणी कर दी है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या आज की वार्ता के बाद यह गतिरोध समाप्त हो जाएगा?
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने उम्मीद जताई है कि आज की वार्ता निर्णायक होगी। एमएसपी समेत सभी मुद्दों पर खुले दिल से बात होगी। उन्होंने कहा 'मुझे उम्मीद है कि किसानों का आंदोलन आज खत्म हो जाएगा।'
उधर किसान नेता सुखविंदर सिंह सबरा ने इस वार्ता से कोई खास उम्मीद नहीं जताई है। उन्होंने कहा है कि इस वार्ता से भी कोई हल नहीं निकलने वाला। किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरा ने कहा 'सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। मुझे नहीं लगता कि हमारी आज की बैठक में भी कोई हल निकलेगा। तीनों कृषि कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए।'
इस बीच किसान संगठनों के प्रतिनिधि इस वार्ता में शामिल होने के लिए सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए निकल चुके हैं।
उधर चिल्ला बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के 11 नेता योगेश सिंह सिसोदिया, अरूण शर्मा, अशोक चौहान, साकिर पठान, चौधरी धर्मवीर सिंह, देवेंद्र पहलवान, रामेश्वर चौधरी, राजकुमार, किसन नम्बर दार, मास्टर महकार और कुन्त भेज आज भूख हड़ताल पर बैठे हैं।