किसान आंदोलन : आज की अहम बैठक से पहले सोनिया गांधी ने मोदी को याद कराया 'राजधर्म'

सोनिया गांधी ने कहा है कि आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार आयी है जो 50 से अधिक किसानों की शहादत पर भी नहीं पसीज रही है...

Update: 2021-01-04 04:05 GMT

जनज्वार। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार और किसान आंदोलनकारियों के बीच होने वाली अहम बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म याद कराया है। सोनिया गांधी ने कहा है सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़ कर बिना शर्त तीनों काले कृषि कानून वापस ले और ठंड व बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त करवाये। उन्होंने कहा कि यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।

सोनिया गांधी ने इसके साथ ही कहा है कि आजादी के बाद पहली बार देश में ऐसी अहंकारी सरकार आयी है, जिसे जनता तो दूर देश का पेट भरने वाले किसानों व अन्नदाताओं की पीड़ा व संघर्ष भी दिखायी नहीं दे रहा है। लगता है मुट्ठीभर उद्योगपति और उनका मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बन कर रह गया है।

सोनिया गांधी ने कहा है कि किसान आंदोलन में सरकार की बेरुखी की वजह से अबतक 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा से आत्महत्या जैसे कदम उठा लिए। लेकिन, बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आजतक प्रधानमंत्री या किसी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला। कांग्रेस अध्यक्ष ने दिवंगत हुए किसानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है और उनके परिजनों को दुःख सहने की शक्ति की कामना ईश्वर से की है।

मालूम हो कि किसान नेताओं व सरकार के बीच आज अहम बैठक है जिसमें किसान नेता तीन काले कानून और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार हमें फुसलाने की कोशिश नहीं करें और हम फुसलने वाले नहीं हैं। किसान संघों ने सरकार के पक्ष के उस दावे को खारिज किया है कि आधे से अधिक मामले पिछली बैठक में सुलझा लिए गए हैं। उनका कहना है मूल मुद्दे तो अभी बाकी हैं।

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