किसान आंदोलन का आज 20वां दिन, अन्ना हजारे बोले - मांगें पूरी नहीं हुईं तो करूंगा अनशन
अन्ना हजारे ने खुद भी आंदोलन में शामिल होने की चेतावनी दी है। इस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता है कि वे आंदोलन में शामिल होंगे...
जनज्वार ब्यूरो/नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह को एक पत्र लिख कर किसानों की मांगें पूरा करने को कहा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि अगर सरकार किसानों की मांगें पूरी करने में विफल रहती है तो फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू करेंगे। उन्होंने कहा है कि सरकार स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करे और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग को स्वायत्ता दे। भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर के पूर्ववर्ती राधामोहन सिंह ने उन्हें इसके लिए फरवरी 2019 में आश्वासन दिया था।
अन्ना हजारे ने कहा है कि किसानों के उपवास के दौरान वे भी एक दिन अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर थे। उन्होंने कहा कि देश में किसानों के खिलाफ कोई कानून स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पर कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने किसानों का अहित नहीं किया है। गडकरी ने कहा कि किसान संगठन, राजनीतिक पार्टियां या किसान बताएं, हम संशोधन करने के लिए तैयार हैं।
नितिन गडकरी ने कहा कि इस विषय को राजनीति से दूर रखने से किसानों का हित होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अन्ना हजारे इस आंदोलन में शामिल होंगे। मालूम हो कि अन्ना हजारे ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र लिख कर किसान आंदोलन का समर्थन किया है और उनकी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है।
किसान आंदोलन का आज 20वां दिन
नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन मंगलवार को 20वें दिन भी जारी है। सिंघी, टिकरी, गाजीपुर बाॅर्डर सहित दिल्ली से लगी अन्य राज्यों की सीमाओं पर आज भी अपनी मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे हैं। टिकरी बाॅर्डर पर किसान 20वें दिन भी धरने पर बैठे हुए हैं।
दिल्ली-यूपी के बीच गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों के धरने का आज 18वां दिन है। यहां धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि वे ठंड से परेशानी का सामना कर रहे हैं, फिर भी अपना आंदोलन जारी रखेंगे। एक वर्षीया महिला किसान राम कली ने कहा कि हम न्याय चाहते हैं और अपनी मांगों के लिए यहां धरने पर बैठे हैं।