किसानों ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का केंद्र सरकार का प्रस्‍ताव ठुकराया

सानों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की शुरुआत की, किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच किसानों का प्रदर्शन और जोर पकड़ने लगा है....

Update: 2020-12-01 13:16 GMT

नई दिल्ली। सितंबर 2020 में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। मंगलवार को आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच वार्ता हुई लेकिन गतिरोध अभी बरकरार है। सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने के सुझाव रखा लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

खबरों के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा कि चार से पांच नाम अपने संगठन से दें। समिति बना देते हैं जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि विशेषज्ञ भी होंगे, नए कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले सरकार की ओर से एमएसपी और एपीएमसी एक्ट पर किसान प्रतिनिधियों के सामने प्रजेंटेशन दिया गया।

किसानों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की शुरुआत की। किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच किसानों का प्रदर्शन और जोर पकड़ने लगा है। पंजाब राज्‍य से कई और किसान और हरियाणा से खाप आंदोलन के लिए दिल्‍ली पहुंच रहे हैं। किसानों ने कहा है कि मांग पूरी होने तक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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इससे पहले सरकार की ओर से 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था। गृहमंत्री अमित शाह ने शर्त रखी थी कि किसानों को बातचीत के लिए बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा और दिल्ली की सीमाओं से हटना होगा लेकिन सशर्त बातचीत के इस प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया था।

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