4 को गतिरोध नहीं हुआ खत्म तो 6 जनवरी को KMP राजमार्ग पर ट्रैक्टर रैली व मॉल-पेट्रोल पंप बंद करेंगे किसान
4 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ होनेवाली वार्ता के पूर्व नए साल के पहले दिन किसान संगठनों के नेताओं की अहम बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया है..
जनज्वार। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर 4 जनवरी की वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो किसान हरियाणा के मॉल और पेट्रोल पंप को बंद कर देंगे। साथ ही 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। 4 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ होनेवाली वार्ता के पूर्व नए साल के पहले दिन किसान संगठनों के नेताओं की अहम बैठक हुई। उसी बैठक में यह फैसला लिया गया है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का शुक्रवार को 37वां दिन है। केंद्र सरकार के साथ छह दौर की वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण किसानों का गुस्सा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
शुक्रवार को किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर 4 जनवरी को होनेवाली बैठक में सरकार गतिरोध खत्म करने में विफल रही तो हरियाणा में मॉल, पेट्रोल पंप बंद करने की तारीखों की घोषणा की जाएगी। वहीं स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेन्द्र यादव ने कहा कि बैठक में हल नहीं निकला तो 6 तारीख को मार्च निकाला जाएगा।
शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा, ऐसा लगता है कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। हरियाणा के किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में कोई हल नहीं निकला तो निजी पेट्रोल पंप को छोड़कर सभी पेट्रोल पंप और मॉल बंद रहेंगे। भाजपा और जननायक जनता पार्टी के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे और यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनका गठबंधन टूटता नहीं है।
वहीं स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'किसानों का ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है। MSP को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है।'
योगेन्द्र यादव ने आगे कहा, 4 तारीख को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा। 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में शामिल किसान यूनियनों के नेताओं ने एक बार फिर कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी के लिए कानून बनाये जाने की अपनी मांगो को दोहराया और सरकार से अपील कि वह जल्द से जल्द कृषि कानूनों को रद्द करे।