बाढ़ पीड़ितों ने केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय से मांगी रोटी तो बोले- यह संभव नहीं!
लोगों की मांग थी कि सरकार से कहकर कम से कम छोटे बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम कराया जाए लेकिन मंत्री ने कह दिया कि सरकार के लिए रोटी का इंतजाम कराना संभव नहीं है..
जनज्वार ब्यूरो, बिहार। राज्य के एक बड़े हिस्से में बाढ़ से हालात बुरे हैं। गंगा, सोन आदि नदियां उफान पर हैं जिस कारण एक बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में है। खासकर उत्तर बिहार के कई जिलों समेत राजधानी पटना के कुछ इलाके भी बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि पिछले दो दिनों से गंगा का जलस्तर थमा जरूर है लेकिन जिन इलाकों में पानी घुस चुका है, वहां से उसकी निकासी में लंबा समय लगने वाला है। लिहाजा, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग राहत कैंपों, बांध-पुल और सड़क किनारे शरण लिए हुए हैं।
राज्य के वैशाली जिले के राघोपुर में बाढ़ की वजह से हजारों लोग परिवार के साथ हाजीपुर में बने राहत शिविरों में रह रहे हैं। यहां एनएच से सटे तेरसिया में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कैंप बनाया गया है। कैंप में स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों के लिए कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है, जहां बाढ़ पीड़ितों को भोजन दिया जा रहा है।
यहां के बाढ़ पीड़ितों की शिकायत है कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कैंप में खाने का इंतजाम तो किया गया है लेकिन लोगों को भोजन में रोटी नहीं मिल रही, उन्हें सुबह-शाम केवल चावल दिया जा रहा है। कैंप में रहने वाले लोगों का कहना है कि केवल चावल खाने से छोटे-छोटे बच्चे बीमार हो रहे हैं। इससे बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तेरसिया में बने राहत कैंप में पहुंचे। यहां लोगों ने मंत्री को घेर लिया और कम्युनिटी किचेन व कैंप में व्यवस्था को लेकर शिकायत करने लगे। लोगों की मांग थी कि सरकार से कहकर कम से कम छोटे बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम कराया जाए लेकिन मंत्री ने कह दिया कि सरकार के लिए रोटी का इंतजाम कराना संभव नहीं है।
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि जब लोगों ने मंत्री को शिकायत सुनाना शुरू किया तो उनके सुरक्षाकर्मी वीडियो बनाने से रोकते हुए दिखाई दिए।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री पटना से समस्तीपुर के लिए जा रहे थे। एनएच किनारे बाढ़ प्रभावित लोगों को देखकर वे रुके तो लोगों ने उन्हें अपनी समस्या बतानी शुरू कर दीं। कैंप में मौजूद एक महिला ने कहा कि कैंप में 10 दिन से केवल चावल मिल रहा है। बच्चों की तबीयत खराब हो रही है।