राज्यसभा में सांसदों-मार्शलों के बीच धक्कामुक्की की सामने आई फुटेज, राहुल गांधी ने कहा बाहर से वर्दी पहनाकर बुलाए गये थे लोग

हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों को देश की आत्मा बेच रहे हैं, लेकिन विपक्ष सदन में पेगासस, किसानों और गरीबों की बात नहीं कर सकता है...

Update: 2021-08-12 11:24 GMT

राज्यसभा में हंगामा (photo - twitter)

जनज्वार ब्यूरो। राज्यसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान बुधवार को हुई घटना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सरकार और विपक्ष खुलकर आमने-सामने हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मार्शलों और सांसदों यहां तक की महिला सांसदों के साथ धक्का मुक्की की जा रही है।

क्या है वायरल वीडियो में

दरअसल, गुरुवार को जो वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे और इस दौरान उन्हें संभालने के लिए मार्शल बुलाए गए। सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की साफ दिखाई दे रही है। तस्वीर में कुछ सांसद मेज पर चढ़ते दिखाई दे रहे हैं। यह भी साफ दिख रहा है कि कुछ महिला सांसदों के साथ धक्का मुक्की भी की गई।

बाहर के लोग बुलाए गये- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि पहली बार बाहर से लोगों को बुला कर नीली वर्दी पहनाई गई और फिर सांसदों के साथ धक्कामुक्की हुई मारपीट हुई। चेयरमैन की क्या जिम्मेदारी है? हाउस चलाने की। उन्होंने हाउस को पिछले दिनों क्यों नहीं चलाया? विपक्ष के लोग अपनी बात क्यों नहीं रख सकते? हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों को देश की आत्मा बेच रहे हैं, लेकिन विपक्ष सदन में पेगासस, किसानों और गरीबों की बात नहीं कर सकता है।

हमें बोलने का मौका नहीं मिला- मल्लिकार्जुन खड़गे

'जो सरकार कहती है अगर आप उसी को सच मान लें तो ठीक है। हम तो वहां देखे हैं, राज्यसभा के सभी सदस्यों ने देखा है। फुटेज को आप क्या-क्या कर सकते हैं सबको मालूम है। वहां फोर्स आई कैसे? इतने नॉर्मल मार्शल्स तो वहां नहीं थे और इतनी महिलाएं भी नहीं थीं। सरकार ने कई बिल हाउस ऑर्डर में न रहते हुए भी पास करा लिया। हर 10 मिनट में एक बिल पास हो गया और हमे बोलने का मौका नहीं मिला। कानूनों की कमियों को बताने के लिए समय नहीं दिया गया। हमने संविधान संशोधन बिल को समर्थन दिया, मकसद यही था कि सदन ठीक से चले। सदन में हमेशा प्रोटेस्‍ट होते हैं, वेल में जाते हैं, लेकिन सरकार ने ऐसा इंतजाम कर लिया था कि 50-60 मार्शल्‍स को बाहर से लाया। वो कौन से थे, क्‍या थे, किसको मालूम? उसी तरह से 15-20 महिलाओं को लाया गया।'

सरकार नहीं चाहती कोई खुलासा हो- कमलनाथ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, 'संसद और विधानसभा चलाना सरकार की ज़िम्मेदारी होती है। इस बार उन्होंने विधानसभा 4 दिन ही बुलाई, इससे उनकी नियत समझ सकते हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी किसी बात का खुलासा हो, ये दबाने और छुपाने की राजनीति वे करना चाहते हैं, जिससे जनता गुमराह हो जाए।'

विपक्ष ने डाली रूकावट- अनुराग ठाकुर 

वहीं, जब मामला बढ़ा तो इसके जवाब में केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने काम में रुकावट डालने का काम किया और इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। विपक्ष घड़ियाली आंसू न बहाए।

पीयूष गोयल ने विपक्ष को घेरा

मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पूरा सत्ता पक्ष चाहता है कि सदन चले। लेकिन, विपक्ष ने सदन की गरिमा गिराई। मिनिस्टर के हाथ से जवाब छीन रहे हैं। जब माफी की बात कही गई तो साफ कह दिया कि माफी नहीं मांगेंगे। चैंबर में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की। इस दौरान महिला मार्शल को चोट लगना दुखद है। हमने इस पर एक्शन की मांग की है। मोटी रूल बुक चेयर की तरफ फेंकी गई। अगर कोई चेयर पर बैठा होता तो वो घायल हो जाते। ये बहुत बुरा हमला था।

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