उत्तराखंड : उफान पर पहुंची दाबका नदी में वनकर्मी की फिसली बाइक, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत

शोर-शराबा होने पर मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने वनकर्मी को काफी मशक्कत के बाद घायल अवस्था में नदी के बाहर निकाला, जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा घायल पप्पूलाल को रामनगर संयुक्त चिकित्सालय उपचार के लिए लाया गया, जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया....

Update: 2021-07-20 05:32 GMT

दाबका नदी को पार करने का प्रयास करने पर बाइक फिसलने से फिसल गया था वनकर्मी

रामनगर। उत्तराखण्ड में बीते दो दिन से लगातार हो रही बरसात के कारण राज्य की सभी नदियों में जलस्तर इस समय अपने पूरे उफान पर है। रामनगर के छोई इलाके की दाबका नदी में भी जलस्तर बढ़ने लगा है। इसी बढ़े जलस्तर में सोमवार 19 जुलाई की शाम एक वनकर्मी अपनी बाइक सहित उस समय बह गया जब वह बैलपड़ाव इलाके में अपनी गश्त ड्यूटी पर जा रहा था।

हालांकि मौके पर मौजूद लोगों की मदद से नदी में बह रहे इस वनकर्मी को घायल अवस्था में निकाल लिया गया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। वनकर्मी की मौत के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटनाक्रम के अनुसार वन विभाग के बैलपड़ाव रेंज के छोई बीट में टेलीफोन लाइनमैन पद पर तैनात पप्पू लाल सोमवार 19 जुलाई की शाम मोटरसाइकिल से छोई से बैलपड़ाव गश्त के लिए निकला। इस बीच जब वह दाबका नदी को पार करने का प्रयास करने लगा तो बाइक फिसलने से वह नदी में बह गया। शोर-शराबा होने पर मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने वनकर्मी को काफी मशक्कत के बाद घायल अवस्था में नदी के बाहर निकाला, जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा घायल पप्पूलाल को रामनगर संयुक्त चिकित्सालय उपचार के लिए लाया गया। जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। पप्पूलाल के निधन की खबर से परिवार में कोहराम मच गया।

इस मामले में जानकारी देते हुए तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ बलवंत सिंह साही ने बताया कि वन विभाग के तराई पश्चिमी की छोई बीट पर पप्पू लाल लाइनमैन के पद पर तैनात थे। सोमवार 19 जुलाई की शाम वह अपनी बाइक से गश्त पर जा रहे थे, जहां उनकी बाइक फिसल जाने से वो घायल हो गए। उनको तत्काल रामनगर चिकित्सालय लाया गया जहां कुछ समय बाद इनका निधन हो गया। डीएफओ बलवंत सिंह ने बताया कि 20 जुलाई को उनके पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी हो जायेगी।

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