PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी घपले का आरोपी पूर्व DFO गया जेल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में जमकर की थी अंधेरगर्दी-रेंजर पहले से जेल में

Tiger Safari SCAM : निर्माण में घपले के मुख्य आरोपी पूर्व डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस की टीम ने बीती शाम दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद किशनचंद को हल्द्वानी लाकर शनिवार 24 दिसंबर को हल्द्वानी न्यायालय में पेश किया गया था....

Update: 2022-12-25 10:21 GMT

PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी घपले का आरोपी पूर्व DFO गया जेल, कॉर्बेट नेशनल पार्क में जमकर की थी अंधेरगर्दी-रेंजर पहले से जेल में

Tiger Safari SCAM : कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ कटवाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोपी तत्कालीन डीएफओ शनिवार को जेल के लिए रवाना हो गए। कालागढ़ वन प्रभाग में प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) के अपने कार्यकाल के दौरान इस अधिकारी ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो इलाकों में टाइगर सफारी बनाने के नाम पर न केवल हजारों पेड़ों को अवैध रूप से कटवा दिया था। बल्कि जंगल में अंधाधुंध प्रतिबंधित निर्माण कराकर कॉर्बेट पार्क के प्राकृतिक स्वरूप को बिगाड़ दिया था।

निर्माण में घपले के मुख्य आरोपी पूर्व डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस की टीम ने बीती शाम दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद किशनचंद को हल्द्वानी लाकर शनिवार 24 दिसंबर को हल्द्वानी न्यायालय में पेश किया गया था।

मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है टाइगर सफारी

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ टाइगर वन प्रभाग के अंतर्गत पाखरो टाइगर सफारी इलाके में पेड़ों के यह अवैध कटान और अवैध निर्माण का बहुचर्चित मामला 2019-20 में सामने आया था। इस टाइगर सफारी की घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब कि थी, जब वह एक वीडियो फिल्म की शूटिंग में हिस्सा लेने कॉर्बेट नेशनल पार्क आए हुए थे। लोकसभा चुनावों के ठीक पूर्व कॉर्बेट नेशनल पार्क में की गई शूटिंग के दिन ही कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए हमले के कारण नरेन्द्र मोदी को विपक्षी दलों की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। मोदी की इसी घोषणा के बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था।

रेंजर पूर्व में ही हो चुका है गिरफ्तार

इस प्रोजेक्ट में घपले होने के बाद आरोपों की जांच करने पर प्रारंभिक जांच में ही सारे आरोप सही पाए गए। जिसकी रिपोर्ट विजिलेंस द्वारा शासन को सौंपे जाने के बाद मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद, रेंज अधिकारी सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करते हुए एक रेंजर को गिरफ्तार किया गया था। जबकि कॉर्बेट नेशनल पार्क के तत्कालीन निदेशक राहुल कुमार को भी यहां से हटाकर मुख्यालय पर अटैच किया गया था। इसके बाद से विजिलेंस किशनचंद की गिरफ्तारी को जगह जगह दबिश दे रही थी।

हाईकोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत

इस दौरान किशनचंद ने जेल जाने से बचने के लिए हाई कोर्ट सहित हर मुमकिन दरवाजे पर दस्तक दी। लेकिन उसे कहीं से भी कोई राहत नहीं मिल पाई। दो दिन पहले ही विजिलेंस टीम ने हरिद्वार पुलिस की मदद से किशन के हरिद्वार स्थित घर और पथरी स्थित स्टोन क्रेशर पर कुर्की आदेश चस्पा किए थे। जिसके बाद बने दबाव के बाद आखिरकार शुक्रवार को विजिलेंस ने किशनचंद को एनसीआर के वैशाली से गिरफ्तार कर लिया था। किशनचंद को हल्द्वानी लाकर हल्द्वानी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

इस मामले में एसपी विजिलेंस देहरादून धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि पाखरो टाइगर सफारी निर्माण मामले में पूर्व डीएफओ किशनचंद को एनसीआर से गिरफ्तार कर लिया गया है। किशनचंद को शनिवार को हल्द्वानी स्थित न्यायालय में पेश किया गया।

विजिलेंस ने इन ठिकानों में दी दबिश

मुख्य आरोपी पूर्व डीएफओ किशनचंद की गिरफ्तारी को विजिलेंस ने उसके हरिद्वार स्थित स्टोन क्रशर, पत्नी के नाम पर संचालित बृजरानी इंटरनेशनल स्कूल व ट्रस्ट, हरिद्वार के 56 आनंद विहार और ज्वालापुर स्थित ठिकाने, दिल्ली और गाजियाबाद के ठिकानों, देहरादून के बसंत विहार कॉलोनी, मेरठ के कुआंखेड़ा, मलियाना, श्याम अपार्टमेंट, भाई के आस्था अस्पताल सहित सहारनपुर के कई ठिकानों में दबिश दी। लेकिन वह हर बार विजिलेंस की पकड़ से निकलने में कामयाब रहा। कुर्की आदेश चस्पा होने के बाद बने दबाव के मद्देनजर किशन की यह गिरफ्तारी संभव हो सकी।

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