हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का 87 साल में निधन, करीब ढाई महीने से थे इलाजरत

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, लंबी बीमारी से जूझ रहे वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे, छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे

Update: 2021-07-08 01:38 GMT

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का 87 साल में निधन

शिमला जनज्वार। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह का निधन हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार, 8 जुलाई की तड़के सुबह 3.40 बजे वीरभद्र सिंह का निधन हो गया। दोबारा कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से उनका शिमला के आईजीएमसी में इलाज चल रहा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।


बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता बीते करीब ढाई महीने से आईजीएमसी में दाखिल थे। सोमवार 5 जुलाई को हार्ट अटैक आने के बाद वीरभद्र सिंह को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। जिसके बाद से वह बेहोशी की हालत में इलाजरत थे। इससे पहले IGMC के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने बुधवार को कहा था कि सिंह की हालत गंभीर है लेकिन वह स्थिर बनी हुई है। लेकिन गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 87 साल के थे। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज में उनकी मौत की पुष्टि की है।

दो बार हुए थे कोरोना पॉजिटिव

छह बार हिमाचल प्रदेश की बागडोर संभालने वाले सिंह 23 अप्रैल से ही मेडिकल निगरानी में थे। दरअसल, 13 अप्रैल को उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद उन्हें मोहाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 23 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी के बाद वे शिमला आ गए थे। लेकिन वापस आने पर उन्हें फिर से सांस संबंधी दिक्कत शुरू हो गई।


इसके बाद उन्हें फिर से आईजीएमसी में एडमिट कराया गया। और 11 जून को एकबार फिर से उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया। हालांकि, उन्होंने दोनों बार कोरोना को मात दी थी, और ठीक हो गये थे ।

9 बार रहे विधायक, 5 बार सांसद

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे। साथ ही वह पांच बार सांसद भी निर्वाचित हुए। उन्होंने छह बार मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की बागडोर भी संभाली।मौजूदा समय में वह सोलन जिले के अरकी से विधायक थे।

वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके थे। उनके पास केंद्रीय इस्पात मंत्रालय रहा। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी संभाल चुके थे।

जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में जन्मे वीरभद्र सिंह 1962 में, वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे।

लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए। वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में सांसद चुने गए। इंदिरा गांधी की सरकार में वो दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही साल 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व की केंद्र की यूपीए सरकार में भी वीरभद्र सिंह कैबिनेट मंत्री रहे। उनके पास पहले इस्पात मंत्रालय रहा। उसके बाद उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय दिया गया।

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