Buddhadeb Bhattacharjee News: बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण सम्मान ठुकराया, जानिए कौन हैं बुद्धदेव भट्टाचार्य?

Former West Bengal CM Buddhadeb Bhattacharjee Rejects Padma Bhushan: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार करने की खबरें आ रहीं हैं. एक बयान में कहा गया है, 'मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता.

Update: 2022-01-25 18:39 GMT

Buddhadeb Bhattacharjee News: बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण सम्मान ठुकराया, जानिए कौन हैं बुद्धदेव भट्टाचार्य?

Former West Bengal CM Buddhadeb Bhattacharjee Rejects Padma Bhushan: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार करने की खबरें आ रहीं हैं. एक बयान में कहा गया है, 'मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता. मुझे किसी ने इसके बारे में नहीं बताया. अगर मुझे पद्म भूषण सम्मान दिया गया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं.'

बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपने एक बयान में कहा, "मैं पद्म भूषण अवॉर्ड के बारे में कुछ नहीं जानता. मुझे किसी ने इसके बारे में बताया भी नहीं है. अगर मुझे पद्म भूषण दिया जा रहा है तो मैं इसे अस्वीकार करता हूं."

जानिए कौन हैं बुद्धदेव भट्टाचार्य?

बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ है. बुद्धदेव भट्टाचार्य की शुरुआती पढ़ाई कोलकाता से हुई और उसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली भाषा में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उन्होंने 1666 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ली और 1968 में पार्टी की ओर से उन्हें पश्चिम बंगाल डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन का सचिव बनाया गया. युवा जोश के साथ बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपने कामों से पार्टी में सबको प्रभावित किया और कामयाबी की सीढ़ी चढ़ते गए. पार्टी ने जो काम दिया उसे उन्होंने बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया. 1977 में पहली बार कोस्सिपोरे से विधायक चुने गए और पश्चिम बंगाल सरकार में सूचना और जन संपर्क मंत्री बनाए गए.

बुद्धदेव भट्टाचार्य को पहला झटका 1982 में लगा जब वे कोस्सिपोरे से चुनाव हार गए. लेकिन पार्टी में उनकी पकड़ मजबूत थी जिसके फलस्वरूप उन्हें 1985 में पार्टी ने सेंट्रल कमेटी का सदस्य बना दिया. साल 1987 में इन्होंने जादवपुर से चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. साल 1996 में बुद्धदेव भट्टाचार्य को सूबे का गृह मंत्री बनाया गया.

पश्चिम बंगाल में ये वो दौर था जब बुद्धदेव भट्टाचार्य के राजनीतिक सितारे सातवें आसमान पर थे. और 1999 में पश्चिम बंगाल के उप-मुख्यमंत्री पद से बुद्धदेव भट्टाचार्य नवाजे गए. साथ ही साल 2000 में इन्होंने पोलित ब्यूरो में अपनी जगह पक्की कर ली. पार्टी में इन्होंने अपनी पकड़ बेहद मजबूत कर ली थी. विरोधी भी इनका सामना करने से डरते थे. लेकिन बुद्धदेव भट्टाचार्य की नजर सीएम की कुर्सी पर थी और 2000 में वो पहली पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बनाए गए. और साल 2000 से 2011 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे.

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