कोरोना लॉकडाउन से व्यवसाय हुआ बंद तो पति-पत्नी ने दो बच्चों को मारकर कर ली आत्महत्या

पुलिस उपायुक्त शिरीष सरदेशपांडे ने कहा, 'प्रारंभिक जांच इस कदम के पीछे वित्तीय कारणों की ओर इशारा करती है। पति के पास पहचान पत्र बनाने का व्यवसाय था जो लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गया था।

Update: 2020-06-19 09:48 GMT

जनज्वार ब्यूरो। पुणे के सुखसागर नगर इलाके में गुरूवार की देर शाम एक दंपति और उनके दो बच्चे फांसी पर लटके पाए गए। पुलिस को शक है कि यह एक आत्महत्या का मामला था जिसमें दंपति ने अपनी जिंदगी को खत्म करने से पहले अपने दोनों बच्चों को मार डाला।

यह घटना गुरूवार की रात करीब 10:30 बजे सामने आयी जब परिवार के कुछ परिचितों ने पुलिस को सूचना दी कि दरवाजा खटखटाने के बावजूद भी कोई दरवाजा नहीं खोल रहा है। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने दरवाजा खोला तो परिवार के चारों सदस्यों को नायलॉन की रस्सी से लटका पाया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 

अधिकारियों ने बताया कि पिता पहचान पत्र बनाने की एक छोटी यूनिट को चलाते थे। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस उपायुक्त शिरीष सरदेशपांडे ने बताया, 'प्रारंभिक जांच इस कदम के पीछे वित्तीय कारणों की ओर इशारा करती है। पति के पास पहचान पत्र बनाने का व्यवसाय था जो लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गया था।

पुलिस उपायुक्त ने आगे बताया कि  मौत के कारणों की जांच के लिए मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच से घटनाओं के क्रम का पता चलेगा और इसके कारणों का पता चलेगा। 

कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए पांच चरणों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया। इसके चलते लाखों की तादाद में जहां प्रवासी मजदूर अपने गांवों में लौट गए हैं, वहीं इससे छोटे कारोबारियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके चलते देशभर में आत्महत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं।

इसी तरह पंजाब के लुधियाना के भगत सिंह नगर के रहने वाले एक 29 वर्षीय युवक ने भी आत्महत्या की है। युवक ने जहरीली दवा पी ली थी। मृतक हैप्पी के पिता हरप्रीत सिंह ने पुलिस को बताया कि हैप्पी पिछले कई महीने से लॉकडाउन से कोई काम ना मिलने से परेशान रहता था और इसी परेशानी में उसने आज किसी जहरीली दवा का सेवन कर लिया।

ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से भी सामने आया था जहां नौकरी छूटने के बाद एक युवक पंजाब से घर आया था। बुधवार 17 जून की देर रात 21 वर्षीय युवक विवेक ने छत पर बने कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। 

इसी सप्ताह 15 जून ऐसी ही बड़ी हैरान करने वाली खबर सामने आयी थी कि हिमाचल प्रदेश में बीते दो महीनों में 121 लोगों ने आत्महत्या की है। हिमाचल के पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई महीने में ही 121 हिमाचलियों ने आत्महत्या की है। ज्यादातर मामलों में आत्महत्या करने वाले युवा ही थे। यह आंकड़ा पिछले एक साल में दर्ज हुए आत्महत्या के मामलों का करीब आधा है।

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