मोदी के गुजरात में पूर्ण शराबबंदी लागू, मगर पूर्व बीजेपी विधायक ने शराब से किया सड़क का भूमिपूजन
मामला पिछले शनिवार का है, पर तस्वीरें सामने आने के बाद अब इसने तूल पकड़ लिया है, स्थानीय मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार डेडियापाडा तहसील में एक सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है...
जनज्वार। गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन बीजेपी के पूर्व और अभी भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक ने यहां सड़क का शिलान्यास करने के दौरान पानी की जगह शराब से पूजा पाठ कर दिया। जब इस दौरान की तस्वीरें सामने आईं तो सफाई दी गई कि यह आदिवासी परंपरा का हिस्सा है। बहरहाल अब मामले ने तूल पकड़ लिया है और बीजेपी के स्थानीय सांसद ने भी इसकी आलोचना की है।
मामला पिछले शनिवार का है, पर तस्वीरें सामने आने के बाद अब इसने तूल पकड़ लिया है। स्थानीय मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार डेडियापाडा तहसील में एक सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है।
बीते शनिवार को विधायक महेश वसासा, जो पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे और अभी भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक हैं, उनके और भाजपा के पूर्व विधायक मोती सिंह वसावा सहित कई नेता इस अवसर पर सड़क का शिलान्यास और भूमिपूजन करने पहुंचे हुए थे। बताया जा रहा है कि इन नेताओं ने इस दौरान हो रही पूजापाठ में पानी की जगह शराब का इस्तेमाल किया।
तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो मामले ने तूल पकड़ लिया और विवाद शुरू हो गया। फिर भरूच से भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने भी इसकी आलोचना की। विवादों और आलोचनाओं के बाद इन नेताओं की ओर से सफाई आई। सफाई में कहा गया कि यह आदिवासी परंपरा का हिस्सा है। हालांकि गुजरात शराब मुक्त प्रदेश है और यहां शराबबंदी है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भूमि पूजन के वक्त विधायक मोतीसिंह वसावा के अतिरिक्त वहां नर्मदा जिला पंचायत के चेयरमैन बहादुर वसावा, गुजरात प्रदेश भाजपा आदिजाति मोर्चा के प्रमुख, नर्मदा जिले के भाजपा प्रमुख और पूर्व जिला पंचायत प्रमुख शंकर वसावा समेत कांग्रेस के भी कई आदिवासी नेता मौजूद थे।
उधर बीटीपी के विधायक महेश वसावा ने अपनी सफाई में बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने पहले अबीर-गुलाल फूल और नारियल से ही भूमि पूजन किया था। इसके बाद आदिवासी परंपरा के मुताबिक शराब से अभिषेक किया गया। मौके पर मौजूद आदिवासी नेताओं ने ही बताया था कि ये उनकी परंपरा का हिस्सा है।
वहीं बीजेपी सांसद मनसुख वसावा ने कहा कि भूमि पूजन फल, दूध, जल अबीर-गुलाल से किया जाता है। इसके बदले में इन नेताओं ने शराब से न सिर्फ अभिषेक ही किया, बल्कि प्रसाद के रूप में उसे बांटा भी। यह बहुत गलत मैसेज है। गुजरात में शराब बैन है। इसके अलावा सरकार ने नशा मुक्ति के कई अभियान भी चला रखे हैं।