Electric Vehicles in India : गडकरी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक लेकर आएंगे, पर बिजली की कमी से जूझ रहे देश में ये चलेंगे कैसे?

Electric Vehicles in India : रिपोर्ट के अनुसार पुणे में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए गडकरी ने कहा है कि निर्माण उपकरणों में भी इथेनॉल को शामिल करने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा है कि दुनियाभर में चीनी की मांग में हुई बढ़ोतरी अस्थायी है। जब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक जाती है तो, ब्राजील गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर देता है। जिससे भारत से चीनी की मांग बढ़ जाती है...

Update: 2022-06-06 12:00 GMT

Electric Vehicles in India : गडकरी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक लेकर आएंगे, पर बिजली की कमी से जूझ रहे देश में ये चलेंगे कैसे?

Gadkari Announcement : स्कूटर और कार के बाद अब देश में जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक भी नजर आने वाले हैं। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान (Gadkari Announcement) किया है कि ऐसे वाहन भारत में जल्द ही लांच किए जाएंगे। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा है कि सरकार वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगी।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा है कि मुझे यादव है कि जब मैं इलेक्ट्रिक वाहनों (Gadkari Announcement) के बारे में चर्चा करता था तो लोग सवाल उठाते थे। लेकिन, अब दखिए इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में तेजी गयी है। इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक कारों और इलेक्ट्रिक बसों के बाद अब जल्द ही मैं इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रकों को भी भारतीय बाजार में लॉन्च करवाने के लिए प्रयासरत हूं।

इस कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा (Gadkari Announcement) है कि देश में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपए के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया जाता है। अगले पांच सालों में इसकी मांग 25 लाख करोड़ रुपए तक जा सकती है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में आॅटोमोबाइल सेक्टर का कुल कारोबार 6.5 लाख करोड़ रुपए का है। जो कि साल 2025 तक बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। आॅटोमोबाइल प्रमुख सेक्टरों में से एक है जो कि 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। इतना ही नहीं रसकार को सबसे ज्यादा जीएसटी का भुगतान भी यही सेक्टर करता है। निर्यात में आॅटोमोबाइल सेक्टर के उद्योगों की हिस्सेदारी भी बीते कुछ सालों में बहुत बढ़ी है। कई कंपनियां अपने उत्पादन के 50 फीसदी से अधिक उत्पादों को निर्यात करती है।

इथेनॉल पर भी बोले गडकरी

रिपोर्ट के अनुसार पुणे में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए गडकरी ने कहा (Gadkari Announcement) है कि निर्माण उपकरणों में भी इथेनॉल को शामिल करने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा है कि दुनियाभर में चीनी की मांग में हुई बढ़ोतरी अस्थायी है। जब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक जाती है तो, ब्राजील गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर देता है। जिससे भारत से चीनी की मांग बढ़ जाती है। जब कच्चे तेल की कीमत गिरकर 70 डॉलर से 80 डॉलर प्रति बैरल हो जाती है तब ब्राजील चीनी का उत्पादन शुरू कर देता है। उन्होंने कहा है कि जब कच्चा तेल सस्ता होगा तो चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आएगी।

वाहन तो आ जाएंगे पर बिजली की कमी से जूझ रहे देश में ये वाहन चलेंगे कैसे?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री जी के दावे (Gadkari Announcement) के अनुसार भारत की सड़कों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक कब तक दौड़ते है। फिलहाल हमारे देश में इलेक्ट्रिक कारें, बसें, स्कूटर और बाइक चल रह रही हैं। पर, कहानी का दूसरा पहलू यह है कि मे पिछले कुछ समय से बिजली संकट की खबरें भी सुर्खियों में हैं। सिर्फ खबरें ही नहीं बल्कि कुछ जगहों पर तो बकायदा लोग बिजली संकट से जूझने को मजबूर हैं। कई राज्यों में बिजली में भारी कटौती की जा रही है। मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जगहों पर ग्रामीण इलाकों में तो दो दिनों में बमुश्किल दो से तीन घंटे ही बिजली रह पाती है। ऐसे में सरकार के लिए देश में हर जगह पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध करवाना ही फिलहाल परेशानी का सबब बनी हुई है। ऐसे में अगर मंत्रीजी के कथनानुसार अगर भारत की सड़कों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक भी चलेंगे तो यह कहना जरूर आसाना है पर इन वाहनों को बिजली मुहैया करवाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। 

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