Gujarat News : चिरिपाल बिजनेस ग्रुप के 1000 करोड़ के कालेधन पर पर्दा किसने डाला, सीबीडीटी या किसी और ने
Gujarat News : आयकर विभाग ने छापे तो मारे, कालेधन के रकम भी बताये, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं किया कि ग्रुप का नाम क्या है और उसके मालिक कौन हैं?
Gujarat News : भारत में एक ही संविधान के कायदे-कानून सभी पर लागू होते हैं, लेकिन कुछ खास मामले होते हैं, जिन पर वही कानून लागू नहीं होते। आजकल, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय व अन्य जांच एजेंसियां, जब भी रेड मारती है, तो उसके बारे में ए टू जैड का खुलासा करती है। ताजा मामला पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का ही ले लीजिए। या फिर नेशनल हेराल्ड घोटाले से जुड़े सोनिया गांधी और राहुल गांधी का ही ले लीजिए। इन सबके बारे में सबकुछ बताया जाता है, लेकिन एक मामले में सीबीडीटी ( CBDT ) ने चुप्पी साध ली है।
ऐसा क्यों, न तो इसका जवाब देने वाला कोई है, न ही ये सवाल पूछने की हिमाकत करने वाला कोई मीडिया संस्थान है। सच तो यह है कि इसके बारे में सबको, सबकुछ पता है, लेकिन सभी जागते हुए भी सोने का नाटक कर रहे हैं, यानि मुंह बंद रखना बेहतर समझ रहे हैं। दरअसल, ये मामला गुजरात ( Gujrat ) के एक बड़े बिजनेस ग्रुप ( Chiripal group of industries ) से जुड़ा है। आयकर विभाग ने छापे ( Income tax raids ) तो मारे, कालेधन ( Black money ) के रकम भी बताये, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं किया कि ग्रुप का नाम क्या है और उसके मालिक कौन हैं?
खास बात यह है कि मीडिया घरानों ने भी इसकी जांच पड़ताल नहीं की। खुद को तुर्रम खान मानने वाले मीडिया घराने भी नाम और पता का खुलासा करने से मुंह छुपाकर पतली गली से निकल गए। ऐसा क्यों हुआ, इसके लिए ज्यादा मगजमारी करने की जरूरत नहीं है। एक तो यह मामला गुजरात से जुड़ा है। दूसरी बात यह है कि यह एक बहुत बड़े बिजनेस घराने ( Chiripal group of industries ) से जुड़ा मसला है। अब आप समझ ही गए होंगे कि 1000 करोड़ के कालेधन के स्वामी का खुलासा चिल्ला-चिल्लाकर तथाकथित संस्थानों ने क्यों नहीं किया?
इस बिजनेस घराने ( Chiripal group of industries ) के देशभर में फैले 56 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे मारे। छापेमारी के दौरान 1000 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा किया। सीबीडीटी ने इस बात की जानकारी खुद दी। विभाग ने छापेमारी के दौरान अब तक 24 करोड़ रुपए नकद, ज्वेलरी और बुलियन जिनका मूल्य करीब 20 करोड़ रुपए है, बरामद होने की सूचना दी। ये छापे जुलाई महीने की 20 तारीख को खेड़ा, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता समेत 58 ठिकानों पर मारे गए थे।
विभाग ने यह भी बताया कि यह ग्रुप ( Chiripal group of industries ) बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी करता था। इस बात का खुलासा तब हुआ है जब सर्च टीम तलाशी ले रही थी। दरअसल, तलाशी के दौरान कुछ आपत्तिजनक चीजें और डिजिटल डाटा मिला है, जिसमें कई और भी खुलासे होने की संभावना है। आयकर विभाग के मुताबिक चिरिपाल ग्रुप कपड़ा, रसायन, पैकेजिंग और एजुकेशन के क्षेत्र में कारोबार कर रहा है।
सेंट्रर्ल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स यानि सीबीडीटी ( CBDT ) का कहना है कि जब्त किए गए डेटा से पता चल रहा है कि यह बिजनेस ग्रुप ( Chiripal group of industries ) प्रवर्तकों के पर्सनल यूज के लिए फर्जी ऑर्गनाइंजेशंस के जरिए से भी पैसे निकाल रहा था। साथ ही ग्रुप की पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के खातों में भी हेरफेर किया जा रहा था। सभी जानकारी सीबीडीटी ने खुद दी। इसके बावजूद सीबीडीटी ने या मीडिया संस्थानों ने अपने-अपने हितों के लिए दो अहम जानकारी प्रकाशित करना उचित नहीं समझा। जो जानकारी छुपाई गई उनमें पहला ये कि 1000 करोड़ कालेधन वाले बिजनेस ग्रुप का नाम क्या है और दूसरी बात ये कि उसका मालिक कौन है।
पर हुआ इसका उलटा, आप सच को चाहे जितना छुपा लीजिए, वो छुपता नहीं है। कुछ देर तक उसे आप भले ही छुपा लें, लेकिन वो पानी की तरह अपना रास्ता बाहर निकलने का ढूंढ ही लेता है। जनज्वार डॉट कॉम ने जब इसकी खोजबीन की तो काफी मगजमारी के बाद पता चला कि न्यूजमीटर नामक न्यूज पोर्टल ने गुजरात के उस बिजनेस ग्रुप का न केवल नाम बताया है, बल्कि उसके आलीशान दफ्तर का फोटो लगाकर भी प्रकाशित किया है। वहीं दैनिक जागरण ने हैदराबाद से तीन अगस्त को प्रकाशित खबर में ग्रुप का नाम तो बताया है पर उसने हल्का खेल कर दिया, ताकि बिजनेस ग्रुप दबाव बनाए या नोटिस दे तो पतली गली से बच निकलने का मौका मिल जाए। जागरण डॉट कॉम ने चिरिपाल की जगह ग्रुप का नाम चिडिपाल बताया है। अब आप कहेंगे कि चिरिपाल या चिडिपाल में खास अंतर तो नहीं है, समझने वाले तो समझ ही जाएंगे, लेकिन कानूनी पेंच फंसने पर यही हेयर लाइन डिफरेंस जागरण को बचा ले जाएगा। अब आप समझे न, ऐसा क्यों किया गया? इसके अलावे फैक्ट चेकर मीडिया संस्थान से लेकर बड़े-बड़े संस्थानों ने ग्रुप और उसके मालिक का नाम बताने से परहेज करने में ही अपनी समझदारी दिखाई है। आइए, हम आपको बताते हैं, कौन है ये ग्रूप और कौन है इसका कर्ताधर्ता।
Gujarat News : ये है गुजरात का बिजनेस ग्रुप, जिसके बारे में सभी नाम बताने से डरते हैं
न्यूज मीटर ने इसका नाम रियल एस्टेट ग्रुप यानि चिरिपाल ग्रुप आफ कंपनीज ( Chiripal group of industries ) बताया है। चेयरमैन का नाम नहीं लिखा है। न्यूज मीटर ने चिरिपाल ग्रुप के नाम से ही 1000 करोड़ कालेधन के खुलासे की पूरी कहानी लिखी है। दैनिक जागरण अहमदाबाद ने ग्रुप का नाम चिरिपाल न लिखकर चिडिपाल लिखा है। उसने भी मालिक का नाम नहीं लिखा है। जब आप गूगल पर चिरिपाल ग्रुप सर्च करते है तो पूरा डिटेल खुलकर सामने आ जाता है। गूगल सर्च के मुताबिक चिरिपाल ग्रुप का पूरा नाम चिरिपाल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज है। इसके चेयरमैन वेद प्रकाश डी चिरिपाल हैं। कंपनी के अध्यक्ष वेद प्रकाश डी चिरिपाल वाणिज्य स्नातक हैं। विभिन्न वस्त्र उत्पादों के निर्माण, व्यापार और निर्यात के क्षेत्र में लगभग तीन दशकों का अनुभव रखते हैं। उन्होंने 1974 में केवल 12 करघों के साथ अपना छोटा कपड़ा व्यवसाय शुरू किया था। इसके बाद, उन्होंने कपड़ा उत्पादों के लिए विभिन्न प्रसंस्करण और अन्य निर्माण इकाइयां स्थापित कीं।