Gwalior News : मृत बताकर मरीज को वार्ड बॉय ने वेंटिलेटर से हटाया, परिजनों ने देखा तो चल रही थीं सांसे, जमकर किया हंगामा

Gwalior News : ग्वालियर-चंबल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में मृत मरीज को वेंटीलेटर से हटाना था जबकि जिंदा मरीज को हटा दिया, जब बाहर खड़े परिजनों को इस लापरवाही की जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए...

Update: 2022-03-02 14:08 GMT

मृत बताकर मरीज को वार्ड बॉय ने वेंटिलेटर से हटाया

Gwalior News : ग्वालियर-चंबल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में मृत मरीज को वेंटीलेटर से हटाना था जबकि जिंदा मरीज को हटा दिया। जब बाहर खड़े परिजनों को इस लापरवाही की जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए। परिजन दौड़ते हुए मरीज तक पहुंचे कहा कि 10 मिनट पहले तो जिंदा थे, और हंगामा करने लगे जिसके बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे और देखा तो सांसे चल रही थीं फिर तुरंत वेंटिलेटर लगाया गया।

5 दिन में लापरवाही की दूसरी घटना

बता दें कि ग्वालियर-चंबल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में लापरवाही की 5 दिन के अंदर यह दूसरी घटना है, जब जिंदा मरीज को मृत बता दिया गया। इस ताजा मामले में मुरैना के 40 वर्षीय मरीज शिवकुमार उपाध्याय को लकवा के साथ ब्रेन हेमरेज हुआ था। जिसके बाद परिजनों ने उन्हें न्यूरोसर्जरी विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया था लेकिन वार्ड बॉय ने उसे मृत समझकर उसका वेंटिलेटर हटा दिया। करीब 20 मिनट तक मरीज बिना ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट के पढ़ा रहा| बता दें इसी तरह का एक मामला बीते शुक्रवार को ट्रॉमा सेंटर में हुआ था। जयारोग्य चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने जिंदा महिला 31 वर्षीय मरीज को मृत बताकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। बाद में वह जिंदा निकली थी। हालांकि महिला की 18 घंटे बाद सच में मौत हुई थी।

वार्ड बॉय को किया गया सस्पेंड

शिवकुमार उपाध्याय के मृत्यु होने की खबर जब परिजनों को मिली तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। परिजनों ने कहा कि 10 मिनट पहले तक सब ठीक था। हंगामा होते ही सीनियर डॉक्टर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मरीज की सांसे चल रही थी। जिसके बाद तत्काल उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर लिया गया। इस मामले में जेएएच के प्रवक्ता डॉक्टर बालेन शर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। अस्पताल अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने कहा कि वार्डबॉय को सस्पेंड कर दिया है। नर्सों को हटाने का प्रस्ताव भेजा है।

किसी दूसरे मरीज की आईसीयू में हुई थी मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिव कुमार उपाध्याय के साले योगेश शर्मा का कहना है कि उनके जीजा को सर गंगा राम हॉस्पिटल दिल्ली में दिखाया। वहां डॉक्टरों ने कहा कि इनका इलाज जेएएच न्यूरोसर्जरी में भी हो सकता है। जिसके बाद उन्हें लेकर 2 दिन पहले जेएएच में आए। यहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया। बीते मंगलवार की शाम करीब 6:30 बजे वार्ड बॉय ने उन्हें मृत समझकर उनका वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया। जबकि आईसीयू में किसी दूसरे मरीज की मौत हुई थी।

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