Hanuman Chalisa-Loudspeaker Controversy : अमरावती में मोहन भागवत बोले - 'जिन्हें है हिंसा प्यारी वो​ गिन रहे हैं अपना अंतिम दिन'

Hanuman Chalisa-Loudspeaker Controversy : अमरावती में आरएसएस के स्वयंसवकों को संबोधित करते हुए मोहन भावगत ने कहा कि वो समाज जिन्हें हिंसा प्रिय है, अब वो अपना अंतिम दिन गिन रहे हैं। अब केवल अहिंसक और शांतिप्रिय लोग ही रहेंगे।

Update: 2022-04-29 03:59 GMT

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Hanuman Chalisa-Loudspeaker Controversy : महाराष्ट्र सहित देशभर पिछले कुछ दिनों से जारी हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध के प्रमुख मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र ( Maharashtra )  के अमरावती ( Amrawati ) में आरएसएस ( RSS ) के स्वयंसवकों को संबोधित करते हुए मोहन भावगत ने कहा कि वो समाज जिन्हें हिंसा प्रिय है, अब वो अपना अंतिम दिन गिन रहे हैं। अब केवल अहिंसक और शांतिप्रिय लोग ही रहेंगे। यह बयान देकर संघ प्रमुख ने धार्मिक हिंसा ( Religious Violence ) को लेकर जारी विवाद के बीच बड़ा संकेत दिया है।

सिंधी विश्वविद्यालय की स्थापना पर दिया जोर

मोहन भागवत अमरावती के भानखेड़ा रोड पर कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के 'गद्दीनशीनी' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुए कहा कि हिंसा से किसी को लाभ नहीं होता। उन्होंने सभी समुदायों को एक साथ लाने और मानवता की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। भागवत ( Mohan Bhagwat ) का यह बयान उस समय आया है जब देश के कई हिस्सों में विभिन्न समूहों के बीच हालिया झड़पों की घटनाएं सामने आई हैं। भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। आरएसएस प्रमुख ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और प्रत्येक भाषा का अपना महत्व है।

अमरावती ( Amrawati ) जिले में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए। आरएसएस प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता। उन्होंने सभी समुदायों को एक साथ लाने और मानवता के संरक्षण का आह्वान किया। आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।   

संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे। कई लोग जमीन की कीमत पर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आये। सिंधी समुदाय को केंद्र सरकार पर विश्वविद्यालय की मांग पूरी करने के लिए दबाव बनाना होगा। समाज एक सिंधी विश्वविद्यालय और एक अखंड भारत के लिए इच्छुक है। ये भावनाएं इस मंच पर भी व्यक्त की गईं।

अखंड भारत हमारा सपना है

Hanuman Chalisa-Loudspeaker Controversy : संघ प्रमुख ने कहा कि यह सरकार हो या कोई अन्य, यह समाज के दबाव पर काम करती है। सामाजिक दबाव सरकार के लिए पेट्रोल की तरह है। यदि आप सिंधी विश्वविद्यालय के अपने सपने को साकार होते देखना चाहते हैं, तो आपको इस सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है। जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि अखंड भारत देश में सभी का सपना है और यह सपना निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में साकार होगा।

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