Haridwar Dharm Sansad Hate Speech Case : धर्म संसद हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Haridwar Dharm Sansad Hate Speech Case : उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित हेट स्पीच के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी....

Update: 2022-04-13 09:17 GMT

Haridwar Dharm Sansad Hate Speech Case : धर्म संसद हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Haridwar Dharm Sansad Hate Speech Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हरिद्वार की धर्म संसद (Dharm Sansad) में कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदायों (Minorities Community) के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले बयानों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अदालत ने याचिकाकर्ता कुर्बान अली को भी हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित धर्म संसद के बारे में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की अनुमति दी है। मामला जस्टिस ए.एम.खानविलकर और जस्टिस अभय एस. ओका की बेंच के पास था। आज सुनवाई करते हुए बेंच ने यह आदेश जारी किया है।

उत्तराखंड राज्य की ओर से वकील ने मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय मांग है। राज्य ने अदालत को बताया कि पुलिस ने मामले में चार एफआईआर दर्ज की हैं और तीन मामलों में चार्जशीट दायर की गई हैं।

क्या था मामला

बता दें कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) में आयोजित हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण (Hate Speech) का एक वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया था। दरअसल इस वीडियो में धर्म संसद में एक वक्ता विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। वक्ता ने यह कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी। 

कालीचरण महाराज ने भी दिया था भड़काऊ भाषण

इसी तरह की धर्मसंसद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी आयोजित की गई थी। इस धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक शब्द कहे थे और नाथूराम गोडसे को सही ठहराया था। कालीचरण ने कहा था कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर नेता को सरकार मुखिया चुनना चाहिए। उसने यह भी कहा था कि इसल्मा का लक्ष्य राजनीति के जरिए से राष्ट्र पर कब्जा करना है। हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था। पहले ईरान, इराक और अफगानिस्ता पर कब्जा कर लिया था। इस विवाद के बाद कालीचरण गिरफ्तार भी हुआ था लेकिन उसे जमानत मिल गई थी। 

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