Haryana News: हरियाणा में अब शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाजत नहीं, खट्टर सरकार का नया कानून लागू

Haryana News: Change of religion is no longer allowed in Haryana, Khattar government's new law comes into force

Update: 2022-12-21 04:50 GMT

Haryana News: हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि प्रदेश में पिछले बजट सत्र के दौरान हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 को पारित कर दिया गया था और इस अधिनियम के नियमों को बनाकर इसकी अधिसूचना अब जारी कर दी गई है। विज मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत किसी दबाव, लालच, शादी का झांसा देकर, या किसी ओर प्रकार से डरा या धमका करके कोई किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता। इस बारे में आज सारे देश में आवाज उठ रही है तथा उच्चतम न्यायालय भी इस बारे में अपनी चिंता जाहिर कर चुका है कि कोई जबरदस्ती व उल्लंघन करके किसी का धर्म-परिवर्तन नहीं करवा सकता है।

विज ने कहा कि इस अधिनियम के आने से समाज में बहुत ज्यादा सोहार्द व सदभाव व सुकुन भी मिलेगा। इस अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई स्वेच्छा से अपना धर्म-परिवर्तन करना चाहता है तो संबंधित जिला के उपायुक्त को आवेदन किया जाएगा और उपायुक्त उसका नोटिस देकर उसकी जांच करवाएंगे। यदि उपायुक्त संतुष्ट होते हैं तो वह स्वेच्छा कर धर्म परिवर्तन कर रहा है तो उसको मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि धर्मपरिवर्तन के संबंध में मामले आते रहते हैं और हाल ही में सोनीपत जिले का एक मामला आया है और इस अधिनियम के तहत उनको दर्ज किया जा सकेगा।

5 से 10 साल तक की सजा हो सकती है

विज ने धर्म परिवर्तन के संबंध में दी जानी वाली सजा के बारे में कहा कि इस अधिनियम के तहत 5 से 10 साल तक की सजा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी इस संबंध में शिकायत करेगा तो उसकी जांच करके कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के मामले आते हैं और गत दिनों फरीदाबाद जिले का एक मामला हुआ था उसमें आरोपी को सजा भी दिलाई जा चुकी है। इस अधिनियम के बन जाने से लोग ओर ज्यादा इसके बारे में बता पाएंगें। उन्होंने बताया कि ये कानून इसलिए बनाना पड़ा कि समाज इसका विरोध कर रहा है कि किसी का भी जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए। विज ने कहा कि हमारे संविधान में सभी धर्म के लोगों को अपने धर्म के तहत आयोजन करने की स्वीकृति दी है और इस अधिनियम का इस प्रकार से कोई तालुल्क नहीं हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई लालच, दवाब, झांसा या गैर-कानूनी कार्य करके शादी करता है तो ऐसे मामले में ही कार्यवाही की जाएगी।

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