बिहार की शराबबंदी का हरियाणवीं सच: तस्कर उपलब्ध करा रहे अवैध शराब

हरियाणा के सोनीपत, हिसार, रोहतक समेत कई जिलों से बिहार में अवैध शराब की तस्करी हो रही है। बिहार में ऐसे कई मामले पकड़े गए, जिसमे तस्करों के तार हरियाणा से जुड़े हुए है। सबसे ज्यादा नाम सोनीपत जिले का आ रहा है। हिसार में भी एक मेडिकल वैन में अवैध शराब पकड़ी गई। यह शराब भी बिहार ले जाई जा रही थी....

Update: 2021-08-07 05:59 GMT

(पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार हरियाणा में शराब तस्करों का एक बड़ा नेटवर्क काम करता है।) 

मनोज ठाकुर की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/चंडीगढ़। बिहार में शराबबंदी से हरियााणा के तस्करों की पौ बारह हो रही है। बड़ी संख्या में हरियाणा के तस्कर अब बिहार में शराब उपलब्ध करा रहे हैं। हिसार में पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। तस्कर एक मेडिकल वैन में अवैध शराब बिहार ले जा रहे थे। पुलिस की टीम के सदस्य सिपाही बलजीत सिंह ने बताया कि जब वह नाके पर गाड़ियों की जांच कर रहे थे तो भारी मात्रा में अवैध शराब मिली। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि शराब बिहार ले जायी जा रही है।

पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार हरियाणा में शराब तस्करों का एक बड़ा नेटवर्क काम करता है। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के तस्कर शामिल है। जो कि गुजरात और बिहार समेत कई राज्यों में अवैध शराब का कारोबार कर रहा है। इस गिरोह की पहुंच उपर तक है। इसलिए वह बेखौफ है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्योंकि गुजरात में सख्ती थोड़ी ज्यादा है, इसके मुकाबले बिहार में सख्ती कम है। बिहार में अवैध शराब तस्करी कर तस्कर काफी पैसा कमा लेते हैं। इसलिए अब वह गुजरात की बजाय बिहार में शराब तस्करी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।

हरियाणा के एडीजीपी स्तर के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ समय पहले बिहार की एसआईटी की 13 टीम हरियाणा में छापेमारी करने के लिए आयी थी। इसमें से तीन टीम अकेले सोनीपत में लगाई गई थी। बिहार में शराब तस्करी की गाड़ियों के नंबरों की जब जांच की तो इसमें 16 ट्रक सोनीपत के मिले। शराब तस्करी में सोनीपत के 20 से ज्यादा लोगों के नाम भी समने आए हैं। इसके अलावा हिसार, रोहतक जिले के नाम भी सामने आए हैं।

हालांकि बिहार एसआईटी की टीम चंडीगढ़, पंजाब,राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी जांच कर रही है। बिहार में शराब तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए सेंट्रल टीम का भी गठन किया गया है। टीम अब लगातार तस्करों पर निगरानी कर रही है। इसके बाद भी शराब तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। हरियाणा में शराब तस्करों के नेटवर्क की जड़ कितनी गहरी है,इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले साल मई में जेजेपी नेता और पूर्व विधायक सतेंद्र सिंह राणा को शराब चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था।

सतेंद्र राणा पर आरोप है कि हरियाणा के पानीपत जिले के सीमारा कॉलोनी में एक्साइज विभाग ने शराब के एक गोदाम को सील किया था, लेकिन यहां से 86 लाख रुपए की शराब चोरी कर ली गई। मामले में हरियाणा पुलिस के एक सिपाही समेत सोनीपत के अजमेर सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। सतेंद्र राणा की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा की राजनीति में हड़कंप मच गय था। वह राजौद विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। सतेंद्र राणा ने जेजेपी के टिकट पर भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे।

जेजेपी ने भाजपा सरकार को समर्थन दे रखा है, जेजेपी के नेता और उपमुख्यंत्री दुष्यंत चौटाला के पास आबकारी विभाग भी है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा शराब तस्करी के लिए सीधे बीजेपी जेजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं।

उनका कहना है कि सरकार की ढीली कार्यप्रणाली की वजह से प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह बिहार तक शराब तस्करी कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था किस हद तक खत्म हो गई है।

हालांकि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि शराब तस्करों व नशे पर रोक लगाने के लिए पुलिस में नारकोटिक्स ब्यूरो का गठन किया है। विज ने बताया कि उत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों के साथ तस्करी को लेकर दो बार बैठक हुई,लेकिन इसके बाद भी तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही है। इसलिए हरियाणा में नशा तस्करों पर रोक लगाने के लिए ब्यूरो का गठन किय है।

यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि गृहमंत्री भले ही जो भी दावे करें, सच यह है कि नारकोटिक्स ब्यूरो अभी प्रदेश में सही से काम ही नहीं कर रहा है। इनके पास स्टाफ और संशाधनों की भारी कमी है। दिक्कत यह है कि गृहमंत्री पहले डीजीपी मनोज यादव से लड़ाई से निपट ले। क्योंकि अभी तक तो गृहमंत्री डीजीपी पद से मनोज यादव को हटाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।

एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि नशा तस्कर एक बड़ी समस्या बन कर उभर रहे हैं। यह सोचना गलत है कि इतनी गतिविधियां सिर्फ बिहार तक सीमित रहेगी, यह हरियाणा में स्मैक, अफीम समेत चिट्टे नशे का अवैध कारोबार कर रहे हैं। इसकी चपेट में प्रदेश के युवा बड़ी संख्या में आ रहे हैं। पंजाब बार्डर के साथ लगते गांवों में यह समस्या इतनी बड़ी हो गई कि ग्रामीण स्वयं पहरेदारी कर रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा में नशे को लेकर स्थिति कितनी खराब हो चुकी है।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का दावा है कि पुलिस सख्ती से काम कर रही है। नारकोटिक्स ब्यूरो काम कर रहा है। स्टाफ जल्दी ही पूरा हो जाएगा। हम नशे पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।

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