Hate Speech Case: हेट स्पीच के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली-यूपी और उत्तराखंड सरकारों को कड़ी चेतावनी, जानें क्या कहा

Hate Speech Case: हेट स्पीट के खिलाफ एक पत्रकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीन राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (Delhi, Uttar Pradesh and Uttarakhand) सरकार को एक्शन लेने के लिए कहा है।

Update: 2022-10-21 15:29 GMT

Hate Speech Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश में हेट स्पीच (hate speech) को लेकर बनते माहौल पर राज्य सरकारों को कड़ी चेतावनी दे दी है। हेट स्पीट के खिलाफ एक पत्रकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीन राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (Delhi, Uttar Pradesh and Uttarakhand) सरकार को एक्शन लेने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जिस भी धर्म का है। जो सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ बयान देता है, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड सरकारों को खुद पुलिस के ऐसे बयानों का संज्ञान लेते हुए केस दर्ज करने का निर्देश दिया है. इसके लिए किसी की तरफ से शिकायत दर्ज होने का इंतजार न करें। कार्रवाई नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना ​​मानी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि 21वीं सदी में क्या हो रहा है। हम धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए हैं। हमने भगवान को कितना छोटा बना दिया है।। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान वैज्ञानिक सोच विकसित करने की बात करता है। सुप्रीम कोर्ट भारत में मुस्लिम समुदाय को आतंकित करने और लक्षित करने के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

हेट स्पीच देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। धार्मिक रूप से निष्पक्ष है। देश की जनता को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की आजादी है। शिकायत न होने पर भी पुलिस को स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। अगर लापरवाही हुई तो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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