Helicopter Crash : 'चीन की घुसपैठ के बीच CDS जनरल बिपिन रावत का जाना देश के लिए बड़ा नुकसान'
Helicopter Crash : सभी हादसों की जांच होती है। यह हादसा भी विस्तृत जांच का विषय है। विस्तृत जांच का नतीजा आये बिना इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा....
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रि.) प्रमोद शर्मा की त्वरित टिप्पणी
Helicopter Crash : तमिलनाडु में देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत (CDS Gen Bipin Rawat) का हेलीकॉप्टर क्रेश होने की दुर्घटना देश का बड़ा नुकसान है। विश्व की सबसे बड़ी ताकत चीन जिस समय में भारत की चौतरफा घेराबंदी करने में जुटा है, उस समय यह हादसा बड़ा नुकसान है। सेना के आत्मविश्वास पर भरोसा रखना चाहिए। बेशक हादसा और उसका नुकसान दुखदायी है, लेकिन इससे सेना का आत्मविश्वास नहीं डगमगाएगा।
सरकार पर भरोसा रख धैर्य का परिचय दें लोग
दुनियाभर में महत्त्वपूर्ण लोगों के साथ हुए ऐसे दुखद हादसों के बाद इस प्रकार की बातें होती ही रहती हैं लेकिन लोगों को संवेदनशील मामलों में जल्दबाजी में कोई बयान देने के बजाए सरकार पर भरोसा रखते हुए धैर्य का परिचय देना चाहिए। वर्तमान में चीन कराची के ग्वादर पोर्ट, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, श्रीलंका, बंग्लादेश सहित कई और जगहों से जिस प्रकार भारत की घेराबंदी करने में जुटा है उस नाजुक समय में सेना के तीनों अंगों, सरकार, रक्षा मंत्रालय के साथ आपसी तालमेल बनाने वाली सीडीएस पोस्ट के व्यक्ति के साथ हादसा होना बड़ा नुकसान है। युद्ध व आतंकवाद के मोर्चों पर जरूरी ऑपरेशन के लिए समन्वय बनाने वाली इस महत्त्वपूर्ण कड़ी का प्रभावित होना निश्चित ही चिंताजनक है, लेकिन सेना अपने मजबूत मनोबल के चलते इस चुनौती से जल्द ही पार पा लेगी।
हादसे के पीछे की संभावनाओं पर टिप्पणी करना जल्दबाजी
सभी हादसों की जांच होती है। यह हादसा भी विस्तृत जांच का विषय है। विस्तृत जांच का नतीजा आये बिना इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा। हादसे के बाद सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट टिप्पणी के अभाव में देशभर में चल रही कयासबाजियों को अफसोसजनक हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर जल्दबाजी के एंगल से काम नहीं किया जाता। जैसी खबरें आ रही हैं कि सरकार की ओर से कल संसद में इस बारे में बयान दिया जाएगा। उस पर भरोसा करते हुए सरकार के बयान की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
लोगों को सच जानने का अधिकार है लेकिन...
चुनाव से पूर्व सेना के साथ होने वाले ऐसे हादसों की कड़ी में हुए पुलवामा हादसे की जांच अभी तक अधूरी होने व इस हादसों पर सभी प्रकार का सच जानना लोगों का अधिकार है। पर्देदारी से तमाम तरह के भ्रम बनते हैं, जो देश के लिए घातक हो सकते हैं। फिलहाल इस मामले में सभी सूचनाएं पब्लिक डोमेन में आने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हादसे को साजिश कहने की गैरजिम्मेदारी से बचना चाहिए। देश की सरकार इस दुर्घटना के पीछे के सभी पहलुओं को पहचानने में सक्षम है। सरकार ही हर प्रकार से जांच के बाद जो बयान देगी, वही सच होगा।
हादसे से पहले बयानों को मुद्दान बनाना ठीक नहीं
हादसे से कुछ समय सीडीएस विपिन रावत के पूर्व में दिए गए बयानों को आधार बनाकर सोशल मीडिया पर चल रही टिप्पणियां अनावश्यक हैं। ऐसे हादसों के बारे में किसी को कुछ पता नहीं होता। इसलिए हादसे के बाद किसी के भी हादसों से पूर्व दिए गए बयानों को मुद्दा बनाना ठीक नहीं है। रक्षा विभाग से जुड़े मामलों में होने वाली सैन्य साजो-सामान की खरीद हो या अन्य देशों के साथ होने वाले समझौते हों, सीडीएस स्तर के व्यक्ति की उस स्तर पर मौजूदगी या हस्तेक्षप कोई हैरानी की बात नहीं है। इसलिए इस प्रकार की जिम्मेदारियों को उनकी ड्यूटी का हिस्सा समझने के आलोक में ही उनकी भूमिका को देखा जाया जाना चाहिए।