सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को देश हित में जरूरी बताते हुये दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगाने से किया इनकार

आपको बता दें सितंबर 2019 में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। इस प्रोजेक्ट का बजट 20 हजार करोड़ रूपये है। सरकार ने प्रोजेक्ट को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल किया था।

Update: 2021-05-31 08:35 GMT

जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। आज 31 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा को एक अहम और आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना बताते हुए इसके निर्माण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

आपको बता दें कि कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाने हेतु दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने कोरोना महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। याचिका में कोरोना के फैलने के खतरे को भी व्यक्त किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में पूछा था कि यह परियोजना क्यों या कैसे आवश्यक सेवा है? याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि महामारी के इस दौर में यह परियोजना बड़े पैमाने पर जनता के लिए कोई सेवा नहीं है और ना ही यह आवश्यक कार्य है।

कोर्ट ने याचिका को अन्य मकसद से प्रेरित बताया 

याचिका पर आज फैसला सुनाते हुये हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि निर्माण कार्य को नहीं रोका जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोरोना महामारी के दौरान परियोजना रोके जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका किसी मकसद से प्रेरित है और वास्तविक जनहित याचिका नहीं है।

निर्माण कार्य को जरूरी बताते हुये अदालत ने कहा है कि शापूरजी पल्लोन जी ग्रुप को दिए गए ठेके के तहत काम नवंबर 2021 तक पूरा होना है। इसलिए इसे जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। मजदूरों की स्वास्थ्य से सम्बंधित दलील पर हाई कोर्ट ने कहा है कि मजदूर निर्माण स्थल पर ही रह रहे हैं। उन्हें वहां मेडिकल सुविधा दी जा रही है। वे लोग वहां बाहर नहीं निकल रहे हैं। सभी प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है। इसलिए निर्माण कार्य को स्थगित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह चिंता का विषय नहीं है। इसके साथ ही डीडीएमए का आदेश कहीं भी निर्माण कार्य को प्रतिबंधित नहीं करता है।

सेंट्रल विस्टा क्या है-

आपको बता दें सितंबर 2019 में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। इस प्रोजेक्ट का बजट 20 हजार करोड़ रूपये है। सरकार ने प्रोजेक्ट को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल किया था।

काँग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस प्रोजेक्ट को आपराधिक बर्बादी तथा नया घर पाने के लिए अंधा अहंकार बताया था।

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक कई इमारतों का निर्माण और पुनर्विकास शामिल है। इसमें एक नया संसद भवन जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक बिल्डिंग होगी, मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति आवास आदि का निर्माण किया जाना है। वतमान संसद भवन के सामने एक तिकोना नया संसद भवन बनाया जाएगा। करीब 15 एकड़ जमीन में प्रधानमंत्री के नये आवास का निर्माण किया जायेगा। 

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