Hijab Controversy: 60 छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका गया, डिग्री कॉलेज ने दिया ये तर्क

Hijab Controversy: उडुपी में सरकारी जी शंकर मेमोरियल महिला डिग्री कॉलेज के अंतिम वर्ष के लगभग 60 छात्राओं को गुरुवार को कॉलेज अधिकारियों द्वारा हिजाब उतारने के लिए कहा गया। हालांकि, छात्राएं हिजाब नहीं उतारी और वापस घर लौट आईं।

Update: 2022-02-17 10:12 GMT

Hijab Controversy: 60 छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका गया, डिग्री कॉलेज ने दिया ये तर्क

Hijab Controversy: उडुपी में सरकारी जी शंकर मेमोरियल महिला डिग्री कॉलेज के अंतिम वर्ष के लगभग 60 छात्राओं को गुरुवार को कॉलेज अधिकारियों द्वारा हिजाब उतारने के लिए कहा गया। हालांकि, छात्राएं हिजाब नहीं उतारी और वापस घर लौट आईं।

मुस्लिम छात्राओं ने अधिकारियों के साथ बहस करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में ड्रेस अनिवार्य नहीं है। जिसके जवाब में अधिकारियों ने कहा कि यहां कॉलेज विकास समिति ने ऐसे नियम तय किए हैं।

इसके बाद लड़कियों ने जोर देकर कहा कि वे बिना हेडस्कार्फ़ के कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। लड़कियों ने कहा कि हिजाब और शिक्षा, दोनों उनके लिए महत्वपूर्ण हैं। लड़कियां चाहती थी कि कॉलेज कमेटी लिखित में बताए कि क्या राज्य सरकार ने डिग्री कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है।


पत्रकारों से बात करते हुए एक छात्रा ने कहा कि सीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि डिग्री कॉलेजों में हिजाब नियम लागू नहीं होता है। उसने कहा, "जब हमने इसके बारे में पूछा, तो वे कहते हैं कि केवल कॉलेज समिति का निर्णय यहां लागू होता है।"

छात्राओं ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले लेता तब तक वे "फिजिकल क्लासेस" में शामिल नहीं होंगी। हालांकि, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कॉलेज परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब विवाद ने एक बड़े विवाद का रूप ले लिया है। यह मुद्दा जनवरी की शुरुआत में उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज में शुरू हुआ, जहां छह छात्राओं ने कक्षाओं में ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हुए हेडस्कार्फ़ पहनकर कक्षाओं में भाग लिया। कॉलेज ने परिसर में हिजाब की अनुमति दी थी लेकिन कक्षाओं के अंदर नहीं। छात्राओं ने निर्देशों का विरोध किया, लेकिन उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया।

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