Hijab controversy Karnataka : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की स्वीकार, होली के बाद होगी सुनवाई

Hijab controversy Karnataka : सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर होली के बाद होगी सुनवाई।

Update: 2022-03-17 08:45 GMT

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) हिजाब विवाद ( Hijab Controversy Karnataka ) को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High Court ) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका स्वीकार कर ली है। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर कहा कि सुनवाई होली के बाद होगी। याचिकाकर्ता मुस्लिम संगठनों के महासंघ ने याचिका ( Writ Petition ) में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम में अनिवार्य अंग है। इस आधार पर शीर्ष अदालत में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या कहा था

स्‍कूलों और कॉलेजों में उपजे ह‍िजाब व‍िवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्ता बरकरार रखी थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था क‍ि छात्रों को स्‍कूल यून‍िफार्म के नियम मानने चाहिए। अदालत ने हि‍जाब पर रोक के आदेश के ख‍िलाफ दायर सभी याच‍िकाओं को भी खार‍िज कर द‍िया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद से छात्राओं के उन शैक्ष‍णिक संस्‍थानों पर ह‍िजाब पहनकर जाने पर रोक लग गई हैं, जहां यून‍िफार्म लागू है।

बता दें कि कुछ दिनों पहले हिजाब विवाद ( Hijab Controversy ) पर कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High Court ) ने अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं है। छात्रों को स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन करना होगा। शिक्षण संस्थान ड्रेस कोड लागू करने के लिए स्वंतत्र हैं। 

बोम्मई सरकार ने क‍िया था फैसले का स्‍वागत

कर्नाटक में ह‍िजाब व‍िवाद ( Hijab Row ) को लेकर हाईकोर्ट के फैसले का बसवराज बोम्मई सरकार ने स्वागत क‍िया था। सीएम बसवराज बोम्‍मई ने कहा था क‍ि अदालत के इस फैसले को सभी को मानना चाहिए। भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि इससे छात्राओं को पढ़ने के लिए अवसर मिलेंगे और पहले से ज्यादा अधिकार हासिल होंगे।

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) में हिजाब मुद्दे पर निराशा हाथ लगने के बाद याचिकार्ताओं ने दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एक छात्रा निबा नाज ने दाखिल की थी।

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