हिन्दू मुस्लिम के 'राष्ट्रीय खेल' वाले भारत की 135 करोड़ आबादी में 11 लोग इस काबिल नहीं जो FIFA वर्ल्ड कप खेल सकें ?

FIFA World Cup 2022: हमारे पास क्रिकेट टीम है, कबड्डी, हॉकी यहां तक की ग्रेटर नोएडा में रेसिंग तक होनी शुरू हो गई थी। लेकिन, हमारे भारत के पास एक अदद फुटबाल टीम नहीं है। जो विदेश की धरती पर जाकर हारकर भी वापस आ जाए तो भारतीय उसमें ही तसल्ली कर लेगा। पर ऐसा हो नहीं सका...

Update: 2022-11-22 07:02 GMT

हिन्दू मुस्लिम के राष्ट्रीय खेल वाले भारत की 135 करोड़ आबादी में 11 लोग इस काबिल नहीं जो FIFA वर्ल्ड कप खेल सके

Fifa World Cup 2022: फुटबाल की दीवानगी पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोलती है। लेकिन भारत (India) में कुछ चुनिंदा लोग हैं जो महज दर्शक मात्र बनकर इसे निहारते भर रहते हैं। हमारे देश की 135 करोड़ की आबादी में 11 लोग ऐसे नहीं हैं जो इस खेल का प्रतिनिधित्व कर सकें। कारण पता है आपको, क्योंकि हमारे देश भारत का राष्ट्रीय खेल हिंदू-मुसलमान से आगे निकलकर सोच-समझ नहीं पाता। 

हमारे पास क्रिकेट टीम है, कबड्डी, हॉकी यहां तक की मन कर्रा करके ग्रेटर नोएडा में रेसिंग तक होनी शुरू हो गई थी। लेकिन, हमारे भारत (India) के पास एक अदद फुटबाल टीम नहीं है। जो विदेश की धरती पर जाकर हारकर भी वापस आ जाए तो भारतीय उसमें ही तसल्ली कर लेगा। पर ऐसा हो नहीं सका। अब तक तो नहीं। बल्कि हमारे यहां हिंदू अगर हिंदू के साथ अपराध करे तो वह राष्ट्रीय खबर नहीं बनती, मुस्लिम यदि हिंदू के साथ अपराध करे तो नेशनल मीडिया कई दिनों तक उसे दिखाता रहता है। आफताब श्रद्धा का उदाहरण सामने है।

हमारे देश में हिंदू मुसलमान का एंगल व क्रेज महज नेतानगरी में ही नहीं बल्कि मीडिया से लगाकर भारत पाकिस्तान (India-Pakistan Match) के मैच तक देखा जाता है। आप वो दिन याद कीजिये जब भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच हो। मैच हारने पर टीम को लानत मलानत भेजी जाती है। और जीतने पर उसे सिर आंखों पर बिठाया जाता है। इसी बात से हिंदू और मुसलमान वाले एंगल और उसके क्रेज का अंदाजा लगाइये। ये हमारे भारत की खेल भावना का एंगल है। जिसे राजनेताओं ने सींचा है। 

खाड़ी देशों ने खोले खजाने 

कतर के रेगिस्तान में Fifa World Cup 2022 का भव्य आयोजन शुरू हो चुका है। इस विश्वकप के आयोजन पर 30 हजार करोड़ डॉलर से अधिक की रकम खर्चा किये जाने की बात सामने आ रही है। इस वर्ल्ड कप पर खर्च हो रही रकम हमारे देश के शीर्ष बिजनेसमैन अडानी और अंबानी की संपत्ति से 6500 करोड़ डॉलर से अधिक है। खाड़ी देशों के धनकुबेरों ने दिल खोलकर इस बार का आयोजन करवाया है।   

इस बार कतर को मिली मेजबानी 

लगभग 12 साल की मेहनत के बाद इस दफा मध्य पूर्व के कतर को इस वर्ल्ड कप के आयोजन की मेजबानी मिली है। रेगिस्तान क्षेत्र में पहले फीफा विश्व कप में खाड़ी देशों के धनकुबेरों ने अपने खजाने खोल दिये हैं। जिसके बाद विश्व कप के आयोजन में तकरीबन 30 हजार करोड़ डॉलर (300 अरब अमेरिकी डॉलर) खर्च कर दिये हैं। यह अब तक के कुल 21 फीफा वर्ल्ड कप आयोजनों पर खर्च हुई रकम से भी अधिक है। 

भारत में खेलों का अंजाम

हमारे भारत में एक विसंगति और है वो ये कि हमारे यहां के घाघ राजनेता कुर्सी मिलते ही सबकुछ टिड्डों के दल की तरह चट करना शुरू कर देते हैं। वो खेल हो, सड़क निर्माण का टेंडर हो, पुल इत्यादि बनाना हो नेताजी की अंटी भरे बगैर काम नहीं होता। खेल आदि के बच्चों के लिए पुष्टाहार भले ही ना आए-बचे लेकिन हमारे नेताजी को भरपेट ऐशोआराम मिलना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है। नेताओं के सुपुत्र खेल की सबसे बड़ी संस्थाओं में बिना काबिलियत कब्जा जमाए बैठे हैं। ये भी एक कारण है जो हम पीछे हैं।

विश्व की दस सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल टीम

1. लिवरपूल (इंग्लैंड)

2. मैनचेस्टर सिटी (इंग्लैंड) 

3. बायर्न म्यूनिख (जर्मनी)

4. रियल मैड्रिड (स्पेन)

5. चेल्सी (इंग्लैंड)

6. बार्सिलेना (स्पेन)

7. पेरिस सेंट जर्मेन (फ्रांस)

8. इंटर मिलान (इटली) 

9. Ajax (नीदरलैंड)

10. मैनचेस्टर यूनाइटेड (इंग्लैंड)

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