सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिसबल तैनात, क्या जॉइंट ऑपरेशन करने वाली है दिल्ली और यूपी पुलिस?

बताया जा रहा है कि पुलिस ने किसानों से आज ही सड़क खाली करने को कहा है, बॉर्डर खाली कराने के लिए देर शाम या रात को दिल्ली और यूपी की पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन कर सकती है..

Update: 2021-01-28 11:23 GMT

(file photo)

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने तैयारी कर ली है। इसके लिए धरनास्थलों के बिजली-पानी काटकर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने किसानों से आज ही सड़क खाली करने को कहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि बॉर्डर खाली कराने के लिए देर शाम या रात को दिल्ली और यूपी की पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन कर सकती है।

उधर उत्तर प्रदेश के ADG (कानून-व्यवस्था) ने मीडिया को बताया कि 26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बाॅर्डर, दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया।

उन्होंने कहा कि बागपत में लोगों को समझाने के बाद वहां किसानों ने रात में धरना खत्म कर दिया। यूपी गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है। इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने सीनियर अफसरों की बैठक बुलाई है।

उधर गाजियाबाद स्थित लिंक रोड पर लगे टेंटों को भी हटाया जा रहा है। प्रशासन की मांग पर कौशांबी बस डिपो की लगभव 50 बसें यूपी गेट पर मौजूद हैं। यूपी गेट बॉर्डर पर कई बसों में भरकर भारी संख्या में पुलिस, पीएसी, केंद्रीय अर्धसैनिक बल पहुंचे हुए हैं।

वहीं पुलिस की बढ़ती गतिविधि को देखते हुए किसान नेताओं ने भी बैठक की है। गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने मीडिया से कहा है कि बैठक में शांति से आंदोलन जारी रखने की बात हुई है।

उन्होंने बताया कि साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि किसान किसी भी पुलिस कार्रवाई का विरोध नहीं करेंगे। किसान हर स्थिति में शांति बनाए रखेंगे। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे प्रशासन से बात करेंगे।

भाकियू के पदाधिकारियों से मिली जानकारी के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि किसान सामूहिक रूप से गिरफ्तारी दे सकते हैं।

इस बीच दिल्ली पुलिस की नोटिस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा 'मैं नोटिस पढ़ूंगा, उन्होंने मुझे जवाब के लिए 3 दिन का समय दिया है। किसान यूनियनों की जिम्मेदारी के रूप में यहां आए और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ली। हमने हमें लिखित में दिए गए मार्ग का फोटो खींचा था। पुलिस ने इसे रोक दिया और दिल्ली के लिए मार्ग खुला रखा।'

  

Tags:    

Similar News