अलीगढ़ में जहरीली शराब से अब तक 42 शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे, DM की गिनती में सिर्फ 22 मौतें

जहरीली शराब कांड के दो मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिन पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया है, यह दोनों भाजपा के स्थानीय नेता बताए जा रहे हैं...

Update: 2021-05-29 11:59 GMT

अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मौतों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है.रात 2 बजे तक पीएम हाउस में शव पहुँचते रहे.

जनज्वार ब्यूरो। अलीगढ़ में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शुक्रवार से अब तक 42 शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचे हैं। हालांकि डीएम ने दोपहर 2 बजे तक शराब से सिर्फ 22 लोगों के मरने की पुष्टि की है। रात 2 बजे तक पोस्टमार्टम हुए थे, लेकिन शासन 25 से ज्यादा की पुष्टि करने से कतरा रहा है।

बता दें कि शनिवार 29 मई को थाना पिसावा इलाके के गांव शादीपुर में एक महिला समेत 5 लोगों की और थाना टप्पल के गांव मादक और कस्बा जट्टारी में 4 लोगों की मौत हो गई। लोधा के करसुआ बॉटलिंग प्लांट के बाहर एक ट्रक चालक भी मृत पाया गया है। आईबी व अन्य एजेंसियों ने पोस्टमार्टम केंद्र पर डेरा डा रखा है। पल पल की रिपोर्ट शासन को दी जा रही है।

टप्पल व पिसावा के करीब चार लोग गंभीर हैं, जिन्हें जेवर के कैलाश अस्पताल व अलीगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं मृतकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पर शवों का पोस्टमार्टम नहीं होने का आरोप लगाते हुए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दो मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिन पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया है। यह दोनो भाजपा के स्थानीय नेता बताए जा रहे हैं।

इससे पहले लापरवाही के आरोप में सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक राजेश यादव, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, निरीक्षक चंद्रप्रकाश यादव और सिपाही रामराज राना को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज कर शराब तस्करी रैकेट में आरोपी अनिल चौधरी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।  

सीएम ने मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोषियों की संपत्ति जब्त कर नीलामी होगी और उससे मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही डीएम चंद्रभूषण सिंह के आदेश पर एडीएम प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की। जांच की रिपोर्ट 15 दिन में सौंपी जाएगी।

ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक करसुआ गांव के पास की सीमा में ही सरकारी देसी शराब का ठेका बना हुआ है। पास में प्लांट पर काम करने वाले आसपास के हैवतपुर, निमानी,अंडला, गांव के लोगों ने शराब के ठेके से शराब खरीदी थी। थोड़ी मात्रा में शराब पीने के बाद लोगों को उल्टी दस्त के साथ लोग अंधे होने लगे और तबीयत बिगड़ने लगी, जिसमें मौके पर ही लोगों की हालत बिगड़ने लगी थी। अब तक 42 लोग जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई की हालत अभी भी गंभीर बनी हुयी है। 

रिटायर्ड आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने अलीगढ़ शराबकांड में दर्जनों मौतों के बाद ट्वीट किया है, 'मौत की नगरी बनी है,यूपी! कोरोना से मरे अब नकली शराब से मर रहे। शराब माफिया हर जिले में हावी हैं, शराब के ठेकों पर नकली शराब बिक रहीफ गवर्नेंस में ये सरकार पूर्ण रूप से फिसड्डी सिद्ध हुई है।'

एक अन्य ट्वीट में रिटायर्ड आईएएस सूर्यप्रताप सिंह लिखते हैं, ' नकली शराब पीने से 36 लोगों ने दम तोड़ दिया, गवरनेंस बिलकुल दम तोड़ चुकी है उत्तरप्रदेश में। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, विज्ञापन बनवाना छोड़िए और तत्काल सभी जिलों से धड़ल्ले से बिक रही शराबों के सैंपल मंगवाइए। क्या अब तक एक भी 'ज़िम्मेदार' सस्पेंड हुआ? सरकार डरती है क्या?'

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