उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर से निजी सचिव ने अधिकारी का किया प्रमोशन, मंत्री की विदेश यात्रा के दौरान हुआ कारनामा
Dehradun news : उत्तराखंड के एक कैबिनेट मंत्री के विदेश दौरे के दौरान उनके निजी सचिव ने मंत्री के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग पीडब्ल्यूडी के एक बड़े अधिकारी का प्रमोशन कर डाला। निजी सचिव द्वारा आगे बढ़ाई इस फाइल पर प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद फाइल को हरी झंडी दे दी।
मंत्री को अपने निजी सचिव के इस कारनामे का पता चला तो वह भी हैरान हो गए। बाद में मंत्री के निर्देश पर उनके पीआरओ ने पुलिस में मंत्री के निजी सचिव और प्रोन्नत हुए लाभार्थी अधिकारी के खिलाफ शिकायत दी। जिसके बाद दोनो अधिकारियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास लोक निर्माण विभाग भी है। इस विभाग से जुड़ी कुछ फाइलें अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। इनमें 5 मई को ऑनलाइन मिली मंत्रालय की एक फाइल में लोकनिर्माण विभाग के अभियंता अयाज अहमद को विभागीय एचओडी के रूप में तैनात करने का प्रस्ताव था। इस फाइल को कैबिनेट मंत्री स्तर से अनुमोदन के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाना था। मंत्री जी के विदेश यात्रा पर होने के कारण यह फाइल लंबित पड़ी थी। इसी दौरान मंत्री के निजी सचिव आईपी सिंह ने एक रविवार के दिन मंत्री के सरकारी आवास में जाकर अयाज अहमद का ऑनलाइन आवेदन खोलकर उसे अनुमोदित (स्वीकृत) कर मंत्री के डिजिटल हस्ताक्षर चस्पा कर विभाग के प्रधान सचिव आर के सुधांशु को रेफर कर दिया। जहां से इसको मुख्यमंत्री के बाद भेजा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री स्तर से अनुमोदन होते ही अधिकारी की प्रोमोटेड पोस्ट पर नियुक्ति कर दी गई।
बाद में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को जब इसका पता चला तो वह भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने जांच कराई तो खुलासा हुआ कि उक्त फाइल पर उनके हस्ताक्षर के साथ अनुमोदन किया गया है। निजी सचिव के इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपने पीआरओ को थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए। जिसके बाद मंत्री के पीआरओ ने देहरादून के डालनवाला थाने में निजी सचिव और अधिकारी के खिलाफ शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज करवा दिया।
पीआरओ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मंत्री के निजी सचिव रहे आईपी सिंह तथा पीडब्ल्यूडी अधिकारी अयाज अहमद के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419, 467, 468, 471, 120 बी तथा आईटी एक्ट की धारा 72, 74 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।