India China Border Issues: अधीर रंजन चौधरी बोले- G20 का राग अलापने के बजाय संसद में भारत-चीन सीमा मुद्दों पर चर्चा करे मोदी सरकार
India China Border Issues: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को जी20 का राग अलापने के बजाए संसद में भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए.
India China Border Issues: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को जी20 का राग अलापने के बजाए संसद में भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी सेना ने घुसपैठ की है और आवास सुविधाओं के साथ 200 से अधिक आश्रय बनाए हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब हमारी सेना को दूर के क्षेत्रों में गश्त करने की अनुमति नहीं है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो सियाचिन ग्लेशियर में स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सरकार जी-20 का जिक्र करने के बजाय भारत-चीन सीमा मुद्दों (संसद में) की स्थिति पर चर्चा करे.
विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को की थी ये टिप्पणी
गौरतलब है कि संसद में भारत की विदेश नीति में ताजा घटनाक्रम पर अपनी टिप्पणी देते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा बदलने की चीन की कोशिशों को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा. जयशंकर ने चेतावनी दी कि अगर चीन सीमा क्षेत्र में निर्माण जारी रखता है, तो इसका दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
इससे पहले जब जयशंकर ने अक्टूबर में भारत में निवर्तमान चीनी दूत सुन वेइदॉन्ग से मुलाकात की थी, तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति आवश्यक है. राजदूत सुन से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, इस बात पर जोर दिया कि भारत-चीन संबंधों का विकास 3 परस्पर द्वारा निर्देशित है. सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन जरूरी है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, भारत-चीन संबंधों का सामान्यीकरण दोनों देशों, एशिया और दुनिया के बड़े हित में है.
बता दें कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर 2020 के बाद से भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि भारत-चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमा की स्थिति स्थिर न हो और अगर चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करता है, तो यह संबंधों को और प्रभावित करेगा.