India के इस गांव में हाथ का कलावा देखकर मिलती है ENTRY, मुस्लिम है तो बाहर से OUT, शक होने पर कहलवाते हैं 'जय श्रीराम'
यकीनन आप भी जब वीडियो देखेंगे तो आशंकित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। अमूमन आपको गुस्सा भी आ सकता है, लेकिन थोड़ी देर में गुस्सा शांत हो जाएगा क्योंकि आपको वो कुत्सित चेहरा भी नहीं दिखता जो यह नफरत बो रहा है...
Hate Politics (जनज्वार) : ट्वीटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखकर अचंभा होता की क्या कहीं ऐसा भी होता है। यकीनन आप भी जब वीडियो देखेंगे तो आशंकित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। अमूमन आपको गुस्सा भी आ सकता है, लेकिन थोड़ी देर में गुस्सा शांत हो जाएगा क्योंकि आपको वो कुत्सित चेहरा भी नहीं दिखता जो यह नफरत बो रहा है।
काफी तलाशने के बाद हिंदू बनाम मुस्लिम का यह वीडियो हमें ट्वीटर पर महज दो जगह दिखा। सबसे पहले हमने यह वीडियो फिल्मकार व पूर्व पत्रकार रहे विनोद कापड़ी के ट्वीटर हैंडल पर देखा। कापड़ी ने लिखा है कि यह वीडियो हिंदू जागरण मंच ने अपलोड किया है। लेकिन उनने यह वीडियो नील माधव नाम के यूजर के थ्रू उठाकर अपलोड किया है।
विनोद कापड़ी ने वीडियो अपलोड करते हुए लिखा है,'भारत के एक गाँव में भारत का एक नागरिक जब अपना आधार कार्ड दिखाता है और उस पर "नईम" लिखा होता है तो उसे वहाँ से खदेड़ दिया जाता है। निराश नईम जब पलट कर देखता है तो कलेजा फट जाता है। हिंदू जागरण मंच हिमाचल प्रदेश ने ये वीडियो अपलोड किया है'
हमने नील माधव का हैंडल भी तलाशा। नील पत्रकार हैं और अलजजीरा, वॉयर, कारवां जैसे संस्थानों से जुड़े हैं। वह लिखते हैं, 'भारत में मजदूर वर्ग के मुस्लिम व्यक्तियों के साथ प्रतिदिन भेदभाव ऊनी कपड़े बेचने के लिए दो विक्रेता एक गांव में घुसे। एक महिला ग्राहक ने उनसे अपनी आईडी दिखाने को कहा। उनमें से एक को इसलिए खदेड़ दिया गया क्योंकि वह मुसलमान है।'
वीडियो में लोगों की भाषा और बातचीत से अंदाजा होता है कि यह वाकई भारत के ही किसी गांव का है। लेकिन है देश का ही। अब दूसरी बात यह की जब किसी भारतीय का कोई पहचान पत्र भारत सरकार आवंटित करती है तो क्या उसमें कोई ऐसा नियम होता है कि देश का नागरिक किसी विशेष जगह नहीं जा सकता।
अगर यह नियम नहीं है तो फिर यह कौन लोग हैं जो नफरत की पाठशाला खोलकर बैठे हैं। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए कि उनके रहते कोई इस तरह की संस्था सक्रिय न होने पाए जो नफरती कौम को बढ़ावा दे रही, उसे पाल-पोस रही है। अन्यथा इसके अंजाम भविष्य में बेहद भयावह हो सकते हैं।