International Women Day 2022 : चौंकाने वाली बात, आबादी में ही नहीं, उच्च शिक्षा में भी आगे निकलीं भारतीय महिलाएं

International Women Day : यह आंकड़ा राष्ट्रीय परिवार और हेल्थ सर्वे-5 का है। इसके मुताबिक देश में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1,020 हो गई हैं। ऐसा 1951 के बाद पहली बार हुआ है।

Update: 2022-03-08 03:12 GMT

file photo

International Women Day 2022 : आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और आजादी मिलने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि देश में महिलाओं ( Indian women ) की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है। है न चौंकाने वाली बात। जी हां, बिल्कुल सही समझ रहे हैं। ताजा आंकड़ा राष्ट्रीय परिवार और हेल्थ सर्वे-5 का है। इसके मुताबिक देश में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या  ( Indian women Population ) 1,020 हो गई हैं। ऐसा 1951 के बाद पहली बार हुआ है। जनगणना सर्वे में 1951 में ये आंकड़ा 946 था। 2015 तक मर्दों की तुलना में औरतों का ये आंकड़ा 991 तक ही पहुंच पाया था।

सेक्स रेश्यो में सुधार से बढ़ी महिलाओं की संख्या

देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा होने की खास वजह जन्म के समय सेक्स रेश्यो ( Sex ratio ) में सुधार होना है। सेक्स रेश्यो का मतलब देश में जन्म लेने वाली लड़कों के मुकाबले लड़कियों का अनुपात ज्यादा होना है। 2015-16 में जन्म के समय सेक्स रेश्यो प्रति 1000 बच्चों पर 919 बच्चियों का था जो अब 929 हो गया है। इसी वजह से शहर और गांव दोनों ही जगहों पर प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या बढ़ी है। यह सुधार शहरों की तुलना में गांवों में बेहतर हुआ है। गांवों में अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं, जबकि शहरों में 985 महिलाएं हैं।

पांचवें राष्ट्रीय परिवार और हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में 1000 पुरुषों के मुकाबले 1020 महिलाएं हैं। यह इसलिए भी खास है क्योंकि हमारे देश में जहां पहले बच्चियों की भ्रूण हत्या हो जाती थी यानी उनके लिए जीवन के अवसर लड़कों की तुलना में बेहद कम थे, वहां वे अब आगे बढ़ रही हैं। अब गांवों में 1,000 पुरुषों पर 1,037 और शहरों में 985 महिलाएं हैं। वहीं चौथे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के हिसाब से गांवों में 1,000 पुरुषों की तुलना में 1,009 महिलाएं थीं और शहरों में ये आंकड़ा 956 का था।

शिक्षा और काम में भी आगे

India Women Higher Education : देश की महिलाएं केवल संख्या में ही नहीं, बल्कि पढ़ाई और काम के मामले में भी आगे निकल गई हैं। विज्ञान और गणित के ग्रेजुएट्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 43% हैं। यह संख्या अमेरिका 34%, ब्रिटेन 38%, जर्मनी 27% से बहुत ज्यादा है। देश में पंजीकृत 50 हजार स्टार्टअप्स में 45% महिला उद्यमी हैं। महिलाओं के स्टार्ट-अप 5 साल की अवधि में पुरुषों से 10% अधिक राजस्व बने हैं। 3 गुना अधिक महिलाओं को रोजगार देते हैं। जहां तक उच्च शिक्षा यानि पोस्ट ग्रैजुएशन में महिलाओं की 51 फीसदी है तो पुरुषों की संख्या 40 फीसदी हैं।

3 करोड़ से अधिक कंपनियों की मालिक महिलाएं

International Women Day 2022  : बोस्टन कंसल्टिंग ने अपनी रिसर्च में बताया कि अगले 5 सालों में महिलाओं की अगुवाई वाले बिजनेस के 90% बढ़ने का अनुमान है। यही नहीं, 2030 तक 3 करोड़ से अधिक बिजनेस कंपनियों की मालिक महिलाएं होंगी और इन कंपनियों से 15 से 17 करोड़ नौकरियां मिलने की उम्मीद हैं। भारत में 1.57 करोड़ से अधिक बिजनेस कंपनियों की मालिक महिलाएं हैं, जिसमें स्टार्ट-अप भी शामिल हैं। MSME बिजनेस यानी माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए महिलाएं पुरुषों से कर्ज ले रही हैं। महिलाओं ने 20.82 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, जबकि पुरुषों ने 11.56 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।

Tags:    

Similar News