Investment In Gold : अभी सोने में निवेश करना फायदे का सौदा है या उठानी पड़ सकती है मुश्किल
Investment In Gold : 47500 से 48000 रुपये की रेंज में सोने में निवेश किया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें साल के अंत तक सोना 52 हजार रुपये का स्तर छुएगा...
Investment In Gold। दुनियाभर में भारत दूसरा ऐसा देश है जहां सोने की खपत सबसे ज्यादा होती है। भारत में लोगों के लिए सोना (Gold) एक कीमती ही नहीं बल्कि शुभ धातु भी है। खासकर धनतेरस और दिवाली (Dhanteras-Diwali 2021) के मौके पर लोग सोने की खरीदारी करते हैं। दिवाली में सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इनमें निवेश करना एक अच्छा विकल्प होता है। आजकल लोग डिजिटल गोल्ड में काफी निवेश कर रहे हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति सोने में निवेश करना चाहता है तो उसे कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूरी जानकरी के साथ ही निवेश करना चाहिए। यह जानना जरुरी है कि अभी सोने में निवेश करना फायदे का सौदा है या नहीं और इसके लिए सावधानियां क्या होनी चाहिए।
सोने की मांग
पिछले साल कोरोना महामारी के कारण दिवाली-धनतेरस के दौरान सोने की चमक कम हुई थी। व्यापारियों के अनुसार इस साल भी सोने की मांग (Gold demand) काफी कम है। धनतेरस के एक दिन पहले तक भी सोने की कीमतों में कोई तेजी देखने को नहीं मिल रही थी लेकिन बात करें आज की तो सोने के भाव में उछाल आया है। इस दिवाली निवेशकों को सोने (Gold Buying On Diwali) में वो चमक नहीं दिख रही है, जो पहले दिखा करती थी। अभी काम दामों में निवेश करने पर भविष्य में मिलने वाले रिटर्न में लाभ होगा।
विशेषज्ञों की राय
कमोडिटी और करंसी रिसर्च की वाइस प्रेसिडेंट सुगंधा सचदेवा का कहना है कि इस समय 46,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव के आस-पास सोने की खरीदारी की जा सकती है। उनके अनुसार काफी समय से सोना अंडर परफॉर्मर रहा है। इसकी वजह है दुनियाभर में कोरोना को लेकर दी जा रही छूट, तेजी से हो रहा वैक्सीनेशन और लोगों की रिस्क लेने की बढ़ती क्षमता, जिसके चलते वह इक्विटि का रुख कर रहे हैं।
सचदेवा कहती हैं कि सोने की कीमतें एक साल में 52,500 रुपये तक पहुंच सकती हैं। वहीं अगली दिवाली तक सोना 60 हजार रुपये का स्तर भी छू सकता है। उनका मानना है कि भले ही सोने की कीमत अभी कम हो लेकिन आर्थिक स्थितियों में हो रहे सुधार के कारण सोना फिर चमकेगा और निवेशकों को भारी रिटर्न मिलेगा।
विशेषज्ञों के द्वारा आगामी दिनों में सोने की कीमतें बढ़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है। वेंचुरा सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के प्रमुख एनएस रामास्वामी कहते हैं कि महंगाई समेत अर्थव्यवस्था से जुड़ी अन्य चिंताओं की वजह से सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं जिसके कारण निवेशकों को फायदा होगा। बता दें कि विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि पोर्टफोलियो में 10-15 फीसदी हिस्सा सोने में निवेश जरूर करना चाहिए, ताकि सिक्योरिटी बनी रहे। महंगाई और अर्थव्यवस्था से जुड़ी अन्य चिंताओं के मामले में सोने के हेजिंग के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
52 हजार तक पहुंच सकता है सोना
रामास्वामी कहते हैं कि 47500 से 48000 रुपये की रेंज में सोने में निवेश किया जा सकता है। उनका कहना है कि इसी साल के अंत तक सोना 52 हजार रुपये का स्तर छुएगा। जब ब्याज दरें बढ़ना शुरू होंगी तो सोने में भी तेजी आने लगेगी और सोना 50-52 हजार की रेंज में पहुंच जाएगा। उनका मानना है कि अगर महंगाई पर काबू नहीं पाया गया तो अगली दिवाली तक सोना एक बार फिर से 56,102 के अपने ऑल टाइम हाई को छू सकता है। इस आधार पर लॉन्ग टर्म निवेश एक अच्छा ऑप्शन होगा।
लॉन्ग टर्म निवेश का फायदा
जानकारों के अनुसार पिछले साल सोने ने 28 प्रतिशत रिटर्न दिया था। वहीं 2019 में भी सोने का रिटर्न करीब 25 प्रतिशत था। जानकारों का कहना है कि अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है जिसमें अच्छा रिटर्न मिलता है। पिछले सालों में सोने से मिले रिटर्न को देखे तो यह दिखाता है कि निवेश करने से फायदा ही है।
निवेश के विकल्प
डिजिटल गोल्ड में निवेश भी कई तरीकों से किया जा सकता है। गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और पेमेंट ऐप के जरिए निवेश कर सकते हैं। किसी भी प्रकार से गोल्ड में निवेश करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। जिस फर्म में निवेश कर रहे हैं, उसकी जानकारी होना भी जरूरी है।
ट्रांसपेरेंसी और रियल टाइम अपडेट
जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का मन बनाते हैं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस फर्म में आप पैस लगा रहे हैं, वो आपको ट्रांसपेरेंसी और रियल टाइम अपडेट उपलब्ध करा रही है या नहीं। क्योंकि कीमतों में बदलाव होने पर अगर आपको तुरंत पता नहीं चलेगा तो हो सही और ज्यादा फायदा पाने में दिक्कत होगी। इसलिए निवेश से पहले फर्म के बारे में और उपलब्ध रिटर्न के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
टेक्स देने की जानकारी
डिजिटल गोल्ड निवेश पर 3% GST देना होता है। वहीं इसे बेचने पर लगने वाला टैक्स भी फिजीकल गोल्ड की तरह ही होता है। अगर आपने सोना खरीदने के 3 साल के अंदर बेचा है तो इसे 'शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन' माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। यदि सोने को 3 साल के बाद बेचा गया है तो इसे 'लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन' माना जाता है। जिस पर 20.8% टैक्स देना होता है।
सोने में कितना निवेश करें
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि 'भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है।'
सोने ने पिछले 10 साल में दिया 80% का रिटर्न
अभी 24 कैरेट सोने का दाम 48 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब है। वहीं 10 साल पहले यानी नबंवर 2011 की बात करें तो सोना 10 ग्राम सोना 27600 रुपए पर था। यानी सोने ने बीते 10 सालों में 80% का रिटर्न दिया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि लॉन्ग टर्म निवेश फायदे का सौदा है लेकिन इसमें निवेश की मात्रा को भी ध्यान रखना चाहिए। अपनी पूरी बचत का निवेश न करें। जानकारों द्वारा दी गई सलाह के आधार पर ही निवेश विकल्प चुनना चाहिए।