Jahangirpuri violence: असदुद्दीन ओवैसी ने Delhi Police पर उठाए सवाल, बोले- एकतरफा कार्रवाई हो रही है, सरकार चाहती है कि दंगे हों
Jahangirpuri violence: दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन हुई हिंसा और उसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की कार्रवाई को लेकर AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद (Hyderabad) से सांसद (Member of Parliament) असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए हैं.
Jahangirpuri violence: दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन हुई हिंसा और उसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की कार्रवाई को लेकर AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद (Hyderabad) से सांसद (Member of Parliament) असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए हैं.
ओवैसी ने कहा, "शोभायात्रा में लोग तलवार और कट्टा लेकर शामिल हुए थे। वे हथियार लहरा रहे थे। क्या पुलिस ने लोगों को हथियार लेकर शोभायात्रा निकालने की मंजूरी दी थी। तलवार लेकर जुलूस निकालना कानूनी रूप से सही है क्या? पुलिस ने ऐसे लोगों को क्यों नहीं रोका? पुलिस जिस अंसार को मुख्य आरोपी बता रही है वह तो लोगों को समझा रहा था."
मस्जिद में मिला भगवा झंडा - ओवैसी
उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हिंसा में केवल एक समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि ऐसे तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं जिसमें जहांगीरपुरी की एक मस्जिद में भगवा झंडा पड़ा मिला है. इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी कहा कि अमित शाह के गृहमंत्री रहते हुए दिल्ली में यह चौथा दंगा है.
वहीं, जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस की और से मुख्य आरोपी बनाए गए अंसार को लेकर ओवैसी ने कहा कि उसे मोहरा बनया जा रहा है. जबकि उसके हिंदु पड़ोसी भी उसके पक्ष में गवाही दे रहे हैं. अपनी इस बात को साबित करने के लिए ओवैसी ने एनडीटीवी की एक रिपोर्ट का हवाला भी दिया जिसमें अंसार के हिंदु पड़ोसी उसे झगड़ा करवाने वाला नहीं बल्कि झगड़ा सुलझाने वाला व्यक्ति बता रही है. ओवैसी ने इस दौरान दिल्ली के मुख्ममंत्री अरविंद कजरीवाल पर भी हमला करते हुए कहा कि दिल्ली की सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है.
हथियार लेकर शोभायात्रा निकाल रहे थे लोग
ओवैसी ने कहा, "दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि बिना परमिशन के शोभायात्रा निकाली गई। जुलूस में हथियार लेकर लोग शामिल थे। लोग तलवारें, पिस्टल और कट्टा लेकर जुलूस निकाल रहे थे। पुलिस क्या खामोश होकर तमाशा देख रही थी? क्या पुलिस गूंगी और अंधी हो गई थी? बिना परमिशन के आपने जुलूस कैसे निकालने दिया? धार्मिक जुलूस में हथियार की क्या जरूरत है? क्यों भड़काऊ नारे लगाए गए? मस्जिद के पास जाकर झंडा क्यों लगाया? इससे पहले बिना पुलिस परमिशन के दो जुलूस चले गए थे। यह तीसरा जुलूस था।"
24 आरोपी गिरफ्तार
बता दें कि शनिवार शाम को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकाली गई थी। इस दौरान हिंसा हुई थी। उपद्रवियों ने पथराव, आगजनी और फायरिंग की थी। इस घटना में आठ पुलिसकर्मी घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सोमवार को 36 साल के शेख हमीद को पुलिस ने गिरफ्तार किया। वह कबाड़ का व्यापारी है। डीसीपी एनडब्ल्यू उषा रंगनानी ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने बोतल की आपूर्ति की थी जो घटना के दौरान पथराव के लिए इस्तेमाल की गई थी। वहीं, दो मुख्य आरोपियों अंसार और असलम की पुलिस हिरासत को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने दो दिन के लिए बढ़ा दिया है।