Rajasthan News: घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया पूरा सरकारी दफ्तर, अधिकारी बोली- मंदिर में प्रसाद आए तो कैसे मना करें

Rajasthan News: एक ओर सरकारें हैं जो भ्रष्‍टाचार मुक्‍त होने का दावा करते नहीं थकतीं, वहीं दूसरी ओर सरकारी दफ्तर के मुलाजिम हैं जो इन दावों को धता बताते नहीं थकते।

Update: 2022-02-08 10:19 GMT

Rajasthan News: एक ओर सरकारें हैं जो भ्रष्‍टाचार मुक्‍त होने का दावा करते नहीं थकतीं, वहीं दूसरी ओर सरकारी दफ्तर के मुलाजिम हैं जो इन दावों को धता बताते नहीं थकते। राजस्थान में जयपुर विकास प्राधिकरण का पूरा का पूरा दफ्तर घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है । लेकिन पकड़े जाने पर महिला अधिकारी का तर्क और हैरान करने वाला है। यहां एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने एक शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की थी।

पूरा दफ्तर निकला घूसखोर

मिल रही जानकारी के मुताबिक, जयपुर शहर के विकास का जिम्मा संभालने वाले जयपुर विकास प्राधिकरण की डिप्टी कमिश्नर समेत पूरा दफ्तर रिश्‍वतखोरी में लिप्‍त निकला। घूस लेते हुए पकड़े जाने के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी ममता यादव एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों के सामने हंस रही थीं। उनका कहना था कि जब कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आए तो भला कैसे मना कर सकते हैं। अधिकारी की ऐसी बातें सुनकर एसीबी की टीम भी हैरान रह गई । रिश्‍वतखोर अधिकारी को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था।

मिली थी शिकायत

दरअसल एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की गई थी कि जवाहर सर्किल के सिद्धार्थ नगर में एक व्यक्ति अपनी पुश्तैनी जमीन का पट्टा लेना चाह रहा था । इस काम के बदले डिप्टी कमिश्नर ममता यादव ने साढ़े छह लाख रुपये और जूनियर इंजीनियर श्याम ने 3 लाख रुपये की मांग की थी । शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने JDA में जाल बिछाया, और फिर RAS अधिकारी ममता यादव, जयंत श्याम, नक्शा पास करने वाला कर्मचारी विजय मीणा, अकाउंटेंट राम तूफान मंडोतिया समेत कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश मौर्य सभी घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए ।

बड़ी कामयाबी

क्षेत्र में यह पहली बार हुआ है जब पूरे जोन के अधिकारी ही घूस लेते एक साथ पकड़े गए हैं । जयपुर के जोन 4 के अधिकारी पट्टा बांटने केmoney1 (1) काम में लगे हुए थे, जब इनकी शिकायत मिली तो एंटी करप्शन ब्यूरो ने JDA के पार्किंग एरिया से घूस लेते हुए पकड़ने की कार्रवाई शुरू की । ये काम काफी गुप्त ढंग से हुआ । आखिरकार मेहनत रंग लाई और डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर तक एसीबी के अधिकारी पहुंच गए ।

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