Jamia University News : किसके डर से शुरू नहीं हो पा रही है जामिया के छात्रों की फिजिकल क्लास?
Jamia University News : कुछ लोगों का मानना है कि सरकार नहीं चाह रही है कि फिजिकल क्लास के बहाने जामिया के छात्र एक बार फिर एकजुट हों और सीएए एनआरसी आंदोलन के दौरान जैसी स्थिति दोबारा बने...
Jamia University News : जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Milia Islamia) के प्रथम वर्ष के अंतरस्नातक (Undergraduate) और पोस्टग्रेजुएट (Post Graduate) के छात्रों ने बीते सोमवार (11 अप्रैल) से अपनी आॅनलाइन क्लास (Online Classes) का बहिष्कार (Protest) शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय में उनकी फिजिकल क्लास (Physical Class) शुरू की जाए। छात्रों का यह भी कहना है कि केन्द्र सरकार नहीं चाह रही है कि जामिया में फिजिकल क्लास शुरू हों, क्योंकि इससे उनके सामने कुछ समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए छात्रों को फिजिकल क्लास से दूर रखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार कुछ लोगों का मानना है कि सरकार नहीं चाह रही है कि फिजिकल क्लास के बहाने जामिया के छात्र एक बार फिर एकजुट हों और सीएए एनआरसी आंदोलन के दौरान जैसी स्थिति दोबारा बने।
आपको बता दें कि साल 2019 में CAA-NRC के विरोध के दौरान जामिया केन्द्र के रूप में उभरा था। उस दौरान पुलिस ने वहां छापा भी मारा था, कई लोगों से मारपीट की भी खबरें आयी थी। देश की नरेंद्र मोदी सरकार जामिया मिलिया इस्लामिया की इस्लामिक छवि के कारण इस मामले को कोर्ट तक लेकर गयी थी।
आपको बता दें कि कोरोना के केस कम होने के बाद देश के सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी और राज्यों के विश्वविद्यालयों में सभी बैच के लिए फिजिकल क्लास शुरू हो चुके हैं पर जामिया में सिर्फ फाइनल इयर के अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की क्लास ही शुरू की गयी है।
जामिया के अलावे केवल साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ही दिल्ली की एकमात्र संस्थान है जहां फिजिकल क्लास अब तक शुरू नहीं किए गए हैं पर इसका कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट रेग्युलर नहीं हो पाने से दूसरे देशों के अधिकांश छात्र अभी दिल्ली नहीं पहुंच पाए हैं।
जामिया के सीनियर प्रोफेसर ने टेलीग्राफ के साथ बातचीत में बताया है कि सीएए-एनआरसी के दौरान जामिया में हुए विरोध प्रदर्शन और पुलिसिया कार्रवाई से सरकार की फजीहत हुई थी इसलिए सरकार यह चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा छात्र अब भी विश्वविद्यालय के परिसर से बाहर ही रहें।
सरकार अधिक से अधिक समय तक यही स्थिति बनाए रखना चाहती है। अगर कोविड के मामलों में फिर बढ़ोत्तरी हुई तो जो क्लासेस चल रहे हैं उन्हें भी स्थिगित किया जा सकता है।
आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया का गेट नंबर 7 विरोध प्रदर्शनों का सबसे अहम केन्द्र बन गया था। इसी महीने दिल्ली पुलिस ने जो केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है जामिया के छात्रावासों और लाइब्रेरी में घुस गयी थी। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने छात्रों की बुरी तरह से पिटायी भी की थी। उस समय पुलिस की ओर से यह दावा किया गया था कि कुछ छात्र उन दिनों हुई हिंसा की घटनाओं में शामिल थे।
जामिया में फिजिकल क्लास शुरू नहीं होने के मसले पर यहां के छात्र ने टेलीग्राफ से बातचीत में बताया है कि उन्होंने और उनके कई साथियों ने पढ़ाई के जामिया को उसके पुराने गौरव को देखकर चुना था। जामिया में आधी सीटें मुस्लिम छात्रों के के लिए आरक्षित हैं। छात्र ने यह भी बताया कि यहां कि रेसिडेंसियल कोचिंग सुविधा के कारण भी छात्र जामिया में पढ़ाई के लिए आकर्षित होते हैं। पर अब वर्तमान में जो हालात हैं हमें अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है।
आपको यह भी बता दें कि जामिया की कुलपति नजमा अख्तर से फिजिकल क्लास नहीं शुरू करने का कारण पूछने के लिए उनके पास एक ईमेल भेजा गया था पर उसका जवाब अब तक नहीं दिया गया है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने फरवरी 2020 में नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन आॅफ उर्दू लैग्वेंज जो की सरकार की ही संस्था है की ओर से जामिया में होने वाले विश्व उर्दू कांफ्रेंस के आयोजन पर भी रोक लगा दी गयी थी। सूत्रों के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया था ताकि जामिया परिसर में सरकार विरोधी नारे नहीं लगे। बाद में इसका आयोजन बेविनार के माध्यम से किया गया था।
जामिया के छात्रों के अनुसार उनके डिजिटल क्लास के विरोध में द्वितीय वर्ष के छात्र भी शामिल होगें उम्मीद है कि यह विरोध अगले एक हफ्ते तक जारी रहेगा। छात्रों को फिजिकल क्लास के अलावे उनके लाइब्रेरी में जाने पर भी फिलहाल रोक लगी हुई है। छात्रो को इससे अधिक नुकसान हो रहा है। एक छात्र का कहना है कि कोरोना का सबसे खराब दौरन गुजर चुका है, दूसरे विश्वविद्यालयों मे फिजिकल क्लासेज शुरू हो चुके हैं पर जामिया सिर्फ फाइनल इयर के छात्रों के खुला है यह अन्याय है।
छात्रों के अनुसार कुछ सीनियर शिक्षक दबी जुबान में यह स्वीकार करते हैं कि सरकार के दबाव के कारण ही जामिया में फिजिकल क्लास शुरू नहीं किया जा सका है।
छात्रों ने कहा है कि फिजिकल क्लास शुरू करने के लिए हमने विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration ) को एक ज्ञापन सौंप दिया है। आॅनलाइन क्लासेज (Online Classes) से हमें कई तरह की परेशानी हो रही है। कई छात्र सही डिवाइस कई जगहों पर और इंटेरनेट की अच्छी कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण भी छात्रों की पढ़ाई ढंग से नहीं हो पा रही है, पर विश्वविद्यालय इस पर कोई ध्यान नही दे रहा है। हमारी समस्याओं का तत्काल समाधान निकाला जाना चाहिए।