Jammu-Kashmir : अहम क्यों है अमित शाह का 3 दिवसीय दौरा, क्या इस बात का देंगे जवाब?

अमित शाह की कश्मीर घाटी की यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने जून 2019 में घाटी का दौरा किया था और उसके बाद अगस्त 2019 में उन्होंने धारा 370 समाप्त करने को लेकर संसद में बिल पेश किया था।

Update: 2021-10-23 07:23 GMT

 टारगेट किलिंग के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज श्रीनगर पहुंचने वाले हैं।

amit shah 

Jammu-Kashmir : अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति के बाद पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah ) कुछ देर में 3 दिवसीय दौरे के तहत श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कश्मीर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रॉ, एनआईए, आईबी, सीआरपीएफ और सेना के वरिष्ठ अधिकारी कश्मीर में इस समय कैम्प कर रहे हैं। शाह इस दौरे में कश्मीर के सभी राजनैतिक दलों के डेलिगेशन समेत स्थानीय सोशल संगठनों और व्यापारिक संगठनों के साथ कश्मीर के विकास पर चर्चा करेंगे। लेकिन सबसे अहम यह है कि क्या अमित शाह अपने इस दौरे के दौरान उन सवालों को जवाब देंगे जो केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभकर सामने आई है।

विधानसभा चुनाव

विशेष दर्जा समाप्ति के बाद से नेशनल गठबंधन, पीडीपी, गुपकार समेत कई राजनीतिक दलों के नेता जम्मू-कश्मीर ( Jammu_Kashmir ) में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। 7 लोक कल्याण मार्ग पर संपन्न सर्वदलीय बैठक में भी पीएम मोदी के समझ वहां के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया था। उस समय पीएम मोदी ने संकेत दिया था कि आप लोग परिसीमन के काम में सहयोग करें। यह प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वहां विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। यही सवाल इस वहां के नेता व अन्य संगठनों के लोग अमित शाह से भी पूछेंगे। बताया जा रहा है कि शाह विधानसभा चुनाव का संकेत दे सकते हैं। इन अटकलों के बीच कि मोदी सरकार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में चुनाव के साथ-साथ जम्मू.कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव करा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो अमित शाह की यात्रा का राजनीतिक महत्व ऐतिहासिक साबित होगा।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा

अमित शाह ( Amit Shah ) के दौरे को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। मानो सुरक्षाबलों की इजाजत के बिना एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता। श्रीनगर के 15 संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से हवाई निगरानी की जा रही है। इन इलाकों में अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आजादी के समय से ही असुरक्षित वातावरण में वहां जीवन यापन करते आए हैं। उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में भी शमिल है। तो, शाह अपने दौरे के दौरन इसको लेकर कोई घोषणा करेंगे।

टारगेट किलिंग

पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर ( Jammu_Kashmir ) प्रशासन के लिए नई मुसीबत के रूप में सामने आया है। टारगेट किलिंग के तहत कुल 11 लोगों की हत्याओं से केंद्र की देश और दुनिया में किरकिरी हुई है। फिर बाहरी लोगों की हत्या से केंद्र की अहम योजनाओं को पलीता लग सकता है। खासकर बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदने, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास, स्थायी निवास प्रमाण पत्र योजना, निवेश, प्रदेश को औद्योगिक विकास आदि शामिल हैं। चूंकि, टारगेट किलिंग को पाक समर्थित आतंकियों ने मोदी सरकार के खिलाफ एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है और इसका असर भी साफ दिखाई देता है। यह एक ऐसी समस्या है जो प्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार की छवि से जुड़ी है। ऐसे में गृह मंत्री कश्मीर में ग्राउंड जीरो पर जाकर यह संदेश देंगे कि देश विरोधी किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, अमित शाह ( Amit Shah ) 23 अक्टूबर को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, में अलग अलग राजनैतिक दलों के डेलिगेशन, कश्मीर ट्रांसपोर्ट एसोशिएशन, हाउस बोट एसोशिएशन, कश्मीर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, सुरक्षा एजेंसियों और कश्मीर सरकार के अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक करेंगे। जबकि 24 अक्टूबर को जम्मू में बीजेपी की रैली को संबोधित करेंगे। 25 अक्टूबर को गृहमंत्री शाह श्रीनगर के एसकेआइसीसी में एक पॉलिटिकल रैली को संबोधित करेंगे।

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