Jharkhand News : ट्वीट कर फंसे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, 4 थानों 5 FIR, ये है पूरा मामला
Jharkhand News : देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और बीजेपी सांसद के बीच एक ट्विट को लेकर विवाद कानूनी जंग में तब्दील हो गया है। देवघर में वही पदाधिकारी उपायुक्त हैं, जिन्हें चुनाव आयोग ने बीजेपी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चुनाव कार्य से हटा दिया था।
Jharkhand News : झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ( Nishikant Dubey ) एक ट्विट कर विवादों में फंस गए हैं। ट्विट को लेकर बीजेपी सांसद और देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri ) के बीच विवाद अब पहले से ज्यादा गहरा गया है। विवाद की शुरुआत सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी से शुरू हुआ, जो कानूनी जंग तक पहुंच गया है। अब देवघर जिला प्रशासन की ओर से बीजेपी सांसद के खिलाफ 4 अलग-अलग थानों में 5 प्राथमिकी ( FIR ) दर्ज कराई गई है।
सांसद के खिलाफ 1 दिन में 5 एफआईआर
देवघर के विभिन्न थानों में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ( Nishikant Dubey Twitt ) के एक ट्विट के खिलाफ 1 ही दिन में अलग-अलग 5 प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। सांसद के विरुद्ध जिले के नगर थाना में 1, देवीपुर थाना में 2, मधुपुर थाना में 1 व चितरा थाना में 1 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। नगर थाना में डीपीआरओ रवि कुमार, देवीपुर थाना में बीडीओ अभय कुमार, मधुपुर थाना में बीडीओ राजीव कुमार सिंह और चितरा थाना में सारठ बीडीओ पल्लवी सिन्हा के बयान पर 1 प्राथमिकी दर्ज की गई है।
फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम करने का लगाया आरोप
एफआईआर दर्ज होने के बाद बीजेपी नेताओं के एक शिष्टमंडल ने रांची में मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की। पार्टी के नेताओं ने ज्ञापन के जरिए देवघर जिला प्रशासन पर सत्ताधारी गठबंधन दलों के फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम करने का आरोप लगाया। बीजेपी ने देवघर उपायुक्त पर सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दुर्भावना के तहत एफआईआर दर्ज कराने की घटना वा सख्त विरोध दर्ज कराया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा कि देवघर जिला प्रशासन राज्य के सत्ताधारी गठबंधन दलों के फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज न कोई आचार संहिता लागू है, न कोई चुनाव हो रहे। फिर भी महीनों पुराने ट्वीट को आधार बनाकर एफआईआर कराना एक चुने हुए जन प्रतिनिधि को जानबूझकर परेशान और अपमानित करने की मानसिकता को दर्शाता है।
ये है मामला
बीजेपी नेता ने कहा कि अगर लगातार तीन बार से गोड्डा संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से चुने जा रहे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के खिलाफ राज्य सरकार ऐसी कार्रवाई कर रही है तो आम आदमी के साथ कैसा व्यवहार जिला प्रशासन करता होगा यह सोचनीय है। बीजेपी के नेता प्रदीप वर्मा ने कहा कि देवघर में वही पदाधिकारी उपायुक्त हैं जिन्हें चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए चुनाव कार्य से हटाया था। उसी संदर्भ में उपायुक्त ने आज महीनों बाद एफआईआर दर्ज कराया है।