Jharkhand : बिना SC-ST-OBC आरक्षण के जिला जजों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, SC का सुनवाई से इनकार
Jharkhand : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आगामी मामलों में हम आपको अनुच्छेद 226 के तहत अपील करने का हक देते हैं, लेकिन आप पहले हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने झारखंड उच्च न्यायालय ( Jharkhand High court ) द्वारा जिला जजों की नियुक्ति ( District judges appointment ) में एससी-एसटी और ओबीवी आरक्षण ( without SC-ST-OBC reservation ) न लागू करने के खिलाफ दायर याचिका ( Petition ) पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि चयन की प्रक्रिया जारी है, इसलिए हम उस पर रोक नहीं लगा सकते। याचिकाकर्ता से कहा कि आगामी मामलों में हम आपको अनुच्छेद 226 ( Article 226 ) के तहत अपील करने का हक देते हैं, बशर्ते कि आप पहले हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि आरक्षण ( reservation ) का बहिष्कार झारखंड ( Jharkhand ) राज्य आरक्षण नीति और अनुच्छेद 16 की उपधारा 4 के तहत संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करता है। इसके अलावा यह झारखंड सुपीरियर न्यायिक सेवा में नस्लीय भेदभाव को लागू करने का वादा करने वाले उच्च न्यायालय ( Jharkhand High ourt ) के फैसले का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से आगामी नियुक्तियों के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने कहा कि आप जिस प्रावधान का हवाला दे रहे हैं उससे पहले से ही वर्तमान अधिसूचना के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। हम भविष्य के लिए आपको अनुच्छेद 226 के तहत अपील करने का अधिकार देते हैं, लेकिन आप पहले हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
इससे पहले 2017 में भी पहले एपेक्स कोर्ट और उसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय में बिना आरक्षण के जिला जलों की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। दोनों कोर्ट ने याचिका का खारिज कर दिया है। उस समय झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा था कि जब नियुक्ति प्रक्रिया जारी हो तो हम उसे बीच में नहीं रोक सकते। फिर, उस समय जिला जजों की नियुक्ति में आरक्षण को लेकर कोई प्रावधान नहीं थी।
साल 2018 में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्ण न्यायालय ने झारखंड सुपीरियर न्यायिक सेवा के लिए चयन प्रक्रिया में एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को 2021 में एससी एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिवक्ताओं से जिला न्यायाधीशों के बारे से सीधे प्रवेश उच्च न्यायिक सेवा की नियुक्ति में आरक्षण नीति लागू करने को लेकर शिकायतें मिलीं थीं। इसके बावजूद मार्च 2022 में एससी-एसटी और ओबीसी समूहों के लिए आरक्षण को शामिल किए बिना भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नियमों पर अमल कराने की मांग की थी।