Jind News : संविधान विरोधी गठबंधन की हरियाणा सरकार के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार के पीड़ितों ने किया रोष प्रदर्शन

Jind News : देश आजादी के 74 साल बाद भी आज के समय में भी गांव खापड़ व छात्तर के अनुसूचित जाति समाज के लोगों का सर्वण समाज के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर रखा है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है गैरकानूनी है।

Update: 2021-11-26 17:04 GMT

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Haryana News : आज 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर गांव खापड़, छात्तर व खरक गादिया के पीड़ितों ने शहर में थाली बजाकर रोष प्रदर्शन करते हुए सोए हुए प्रशासन और हरियाणा सरकार को जगाने का काम किया और धरना स्थल से लेकर बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर चौंक तक हरियाणा के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकाली और फिर वापिस धरना स्थल पर आकर कोर्ट के बाहर मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के पुतलों का दहन किया फिर एस पी जीन्द से मिलकर ज्ञापन पत्र दिया।

सरकार पीड़ितों को कर रही है न्याय से वंचित

धरना संचालक दिनेश खापड़ ने बताया कि देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता, समानता और आजादी का अधिकार देता है लेकिन देश आजादी के 74 साल बाद भी आज के समय में भी गांव खापड़ व छात्तर के अनुसूचित जाति समाज के लोगों का सर्वण समाज के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार कर रखा है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है गैरकानूनी है। इसलिए विरोध स्वरूप पीड़ित परिवार जीन्द में न्याय के लिए और आरोपियों की गिरफ्तारी करवाने के लिए धरने पर बैठे हैं इसलिए आज संविधान दिवस के मौके पर थाली बजाकर रोष प्रदर्शन करते हुए हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री का पूतला दहन किया क्योंकि हरियाणा सरकार सामाजिक बहिष्कार करने वाले सर्वण समाज के आरोपियों को गिरफ्तारी से बचाने का काम कर रही है और पीड़ितों को न्याय से वंचित कर रही है। बता दें कि सरकार के इस असंवैधानिक कार्य के विरोध में आज पीड़ित परिवारों ने रोष प्रदर्शन किया। जीन्द में अनिश्चितकालीन धरने का आज 40वां दिन था। धरना संचालक दिनेश खापड़ ने बताया कि हरियाणा में भाजपा और जेजेपी की गठबंधन सरकार में दलितों का शोषण लगातार जारी है। आजाद भारत में फिर से दलितों को गुलाम बनाने का काम सरकार द्वारा दंबगो के माध्यम से किया जा रहा है। दंबगो द्वारा कानून को ताक पर रखकर खाप पंचायतों के जरिए गांव खापड़ व छात्तर में दलित समाज के लोगों का 4 सितम्बर व 26 सितम्बर को सामाजिक बहिष्कार किया गया है जो आज तक भी जारी है। गांव खापड़ में 20 परिवारों का और छात्तर में 150 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है। बताया गया कि पुलिस द्वारा गांव खापड़ व छात्तर में दलित समाज का सामाजिक बहिष्कार करने वाले आरोपी व खरक गादिया वाले मामले सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न करने के विरोध में पीडितों द्वारा जीन्द में अनिश्चितकालीन धरना जारी है।

पीड़ित धरने पर बैठने को मजबूर

दिनेश खापड़ ने बताया कि सामाजिक बहिष्कार के चलते गांव खापड़ के 5 दलित परिवार 84दिन से गांव से बाहर है और गांव छात्तर व खरक गादिया के पीड़ितों के साथ जींद में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। गांव खापड़ व छात्तर में सामाजिक बहिष्कार करने वाले दोनों गांव के आरोपियों के खिलाफ थाना उचाना में मुकदमा दर्ज हो चुका है लेकिन अभी तक पुलिस ने किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है, दूसरी और खरक गादिया के पीड़ित भी 15 जुलाई से जीन्द में धरने पर बैठे हैं, पीड़ित परिवार ने अत्याचार करने वाले आरोपियों के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज करवाए हैं लेकिन जीन्द पुलिस ने दो मुकदमों में अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है। जिस कारण मजबूरी में तीनों गांव के पीड़ितों को जींद में धरने पर बैठना पड़ रहा है। दिनेश खापड़ ने बताया कि गांव खापड़ व छात्तर उचाना विधानसभा में आते हैं और वहां से हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। उनके प्रभाव के चलते पुलिस सामाजिक बहिष्कार करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। दोनों गांव के आरोपी पक्ष के लोग दुष्यंत चौटाला से दिल्ली और चंडीगढ़ में कई बार मीटिंग कर चुके हैं। जिसके चलते अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विरोध स्वरूप तीनों गांव के पीड़ित परिवारों के लोग जीन्द में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।

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