Kedarnath : जिस फिल्म को कर रहे थे बैन उसी से रिझायेंगे अब सैलानियों को, 'केदारनाथ' पर बनेंगे सेल्फी पॉइंट ?

Kedarnath : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का अब यह मानना है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सैलानी इस फिल्म के पोस्टर के साथ सेल्फी लेकर अपने को रोमांचित महसूस करेंगे, इसके साथ ही फिल्म उद्योग से जुड़े लोग भी उत्तराखंड में अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोत्साहित होंगे.....

Update: 2022-05-23 14:30 GMT

Kedarnath : जिस फिल्म को कर रहे थे बैन उसी से रिझायेंगे अब सैलानियों को, 'केदारनाथ' पर बनेंगे सेल्फी पॉइंट ?

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Kedarnath : केदारनाथ त्रासदी पर प्रेम कहानी का तड़का लगाकर बनाई गई बॉलीवुड मूवी "केदारनाथ" (Kedarnath) के शूटिंग स्थलों पर राज्य सरकार सैलानियों को रिझाने के लिए सेल्फी पॉइंट बनाएगी। जिस फिल्म को लेकर सरकार यह कवायद कर रही है, उस फिल्म को रिलीज के समय सरकार ने उसे लव जिहाद से प्रेरित बताकर इसका जमकर विरोध किया था। जिस वजह से आधे से अधिक उत्तराखंड में इसका प्रदर्शन नहीं हो पाया था। लेकिन अब इसी फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajpoot) को श्रद्धांजलि देने के लिए केदारनाथ के निकट ही एक फोटोग्राफी पॉइंट विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

राज्य के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने चारधाम यात्रा को लेकर हुई अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस बाबत चर्चा की। महाराज का अब यह मानना है कि चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2022) पर आने वाले सैलानी इस फिल्म के पोस्टर के साथ सेल्फी लेकर अपने को रोमांचित महसूस करेंगे। इसके साथ ही फिल्म उद्योग से जुड़े लोग भी उत्तराखंड में अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रोत्साहित होंगे।

यह बात दीगर है कि यही महाराज पिछली सरकार में इन्हीं मंत्रालयों को संभालते हुए केदारनाथ फिल्म की रिलीज के दौरान इसका जबरदस्त विरोध कर रहे थे। तब उन्होंने इस फिल्म को लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा था कि केदारनाथ कोई हनीमून डेस्टिनेशन नहीं है, बल्कि योग की धरती है। फिल्म में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत द्वारा एक मुस्लिम युवक की भूमिका निभाए जाने पर सतपाल महाराज सहित कई भाजपा नेताओं द्वारा पूरी फिल्म को लव जिहाद बताकर वितंडा खड़ा किए जाने के बाद उत्तराखंड के तेरह में से सात जनपदों में इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पाया था।

राज्य सरकार (Uttarakhand Govt.) ने हालांकि फिल्म पर कोई अधिकृत रोक नहीं लगाई थी। लेकिन सत्ता के पिछले दरवाजे का प्रयोग भाजपा (BJP) शासनकाल में होता है, वैसा ही इस फिल्म के लिए भी करते हुए संबंधित जिलाधिकारियों से कानून-व्यवस्था के नाम पर फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद दक्षिणपंथी बिरादरी में एकाएक उसके प्रति उमड़े प्यार के बाद अब उन्हीं सतपाल महाराज द्वारा सुशांत सिंह राजपूत को श्रद्धांजलि देने के नाम पर सेल्फी पॉइंट विकसित किए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

क्या था केदारनाथ मूवी का विवाद ?

बॉलीवुड ड्रामा केदारनाथ का निर्देशन और निर्माण अभिषेक कपूर ने किया था। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान ने इस फिल्म में एक हिंदू पुजारी की तथा सुशांत सिंह राजपूत ने पिट्ठू ढोने वाले एक मुस्लिम युवक की भूमिका निभाई थी।

7 दिसम्बर 2018 को रिलीज इस फिल्म की कहानी तीर्थस्थल केदारनाथ में रह रहे मंसूर (सुशांत सिंह राजपूत) और मुक्कु (सारा अली खान) की प्रेम कहानी थी। मुक्कु केदारनाथ के पंडितजी की बेटी थी तो मंसूर पिट्ठू ढोने वाला एक युवक। प्रेम कहानी की शुरुआत लड़की की तरफ से होती है। कुछ मुलाकातों के बाद मंसूर भी अपना दिल दे बैठता है। इस प्रेम कहानी की खबर जल्द ही परिवार वालों को सामने आ जाती है और अगले ही दिन मुक्कु की शादी कहीं और पक्की कर दी जाती है। जिसके बाद बादल फट पड़ते हैं और मंसूर-मुक्कु के गांव में जल प्रलय आ जाती है। जिसे केदारनाथ आपदा से जोड़कर दिखाया गया था।

महाराज के निर्णय का अंदरखाने विरोध शुरू

एक तरफ जहां सतपाल महाराज केदारनाथ फिल्म के शूटिंग स्थल पर सेल्फी पॉइंट की वकालत कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी ही पार्टी व सरकार के लोग इस फैसले को पचाने में अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। खुद बद्री केदार समिति इस फैसले को लेकर उत्साहित नहीं है। पहले लव जिहाद के नाम पर केदारनाथ फिल्म का विरोध और अब कुछ ही समय बाद इस फिल्म पर प्यार लुटाना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि बीते दिनों एक युवक द्वारा कुत्ता लेकर केदारनाथ में घुसने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद तो इन स्थलों पर यू ट्यूबर्स द्वारा मोबाइल लेकर जाने तक पर पाबंदी लगाए जाने की मांग हो रही है।

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