हल्द्वानी के उलेमाओं ने दिया जोशीमठ में दखल, राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर लगाई शहर बचाने की गुहार, आइसा ने भी किया प्रदर्शन
Joshimath Sinking : 25 हजार की आबादी वाला नगर अनियंत्रित अदूरदर्शी विकास की भेंट चढ़ रहा है। सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है तो दूसरी तरफ बाईपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिला रही है। हल्का भूकम्प इस नगर को जमींदोज करने के लिये पर्याप्त होगा...
Joshimath Sinking : उत्तराखंड के चमोली जिले में हो रहे भू धंसाव के चलते दहशत के साए में जी रहे हज़ारों प्रभावितों की मदद के लिए हल्द्वानी के उलेमाओं ने राज्यपाल से गुहार लगाई है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द नैनीताल ने प्रदेश के राज्यपाल के लिए शनिवार 7 जनवरी को एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के माध्यम से भेजकर प्रभावितों को आर्थिक सहयोग की अपील की है।
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को सौंपे इस ज्ञापन में उलेमाओं ने कहा कि जोशीमठ में अचानक आयी आपदा के कारण हुए भूस्खलन पर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द राज्य सरकार से अपील करती है कि वहां निवास कर रहे प्रभावितों की मदद और उनके सुरक्षित आवास के लिए तुरन्त व्यवस्था करे। उलेमाओं ने जोशीमठ के सभी प्रभावित लोगों को आर्थिक सहयोग दिए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा जोशीमठ के प्रभावितों के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी हर सम्भव मदद के लिए तैयार है। ऐसी संकट की घड़ी में हम सभी सामाजिक संगठनों से अपील करते हैं कि इस आपदा की घड़ी में अपनी क्षमतानुसार जोशीमठ के लोगो की मदद के लिए आगे आकर मानवता व इंसानियत का संदेश दें।
उलेमाओं ने जोशीमठ के लोगों के हक़ में प्रार्थना करते हुए प्रभावित परिवारों की हिफाजत की भी कामना की है। ज्ञापन देने वालो में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द नैनीताल जिलाध्यक्ष मौलाना मुकीम कासमी, मौलाना सलमान, मौलाना असीम, मौलाना कासिम, मुफ़्ती यूसुफ, अब्दुल हसीब, अदनान खान, जुहैब अनवर, अमन सिद्दीकी, तहुर सिद्दीकी, मोहम्मद काज़िम, अरीब सिद्दीकी व अब्दुल कादिर शामिल रहें।
दूसरी ओर जोशीमठ बचाने के लिए रामनगर में भी आइसा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। जनविरोधी विकास के कारण भूस्खलन भू-धंसाव झेल रहे जोशीमठ के अस्तित्व और लोगों की रक्षा की मांग पर शनिवार को ऑल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की पहल पर विभिन्न संगठनों ने तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
इस दौरान धरने को संबोधित करते हुए भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में चल रहे जनविरोधी विकास के मॉडल के कारण जोशीमठ के सैकड़ों घरों में दरारें आ गयी हैं। हजारों लोग वर्षों की मेहनत से बनाए अपने घरों से उजड़ कर सड़क पर आने को हैं। जिसके लिए एनटीपीसी की टनल जिम्मेदार है। संज्ञान में होने के बावजूद शासन प्रशासन उपेक्षापूर्ण बर्ताव आश्चर्यजनक है। आइसा नगर अध्यक्ष सुमित कुमार ने कहा कि जोशीमठ के सैकड़ों घर, अस्पताल, सेना के भवन, मंदिर, सड़कें, प्रतिदिन धंसाव की जद में हैं और यह हर दिन बढ़ रहा है।
25 हजार की आबादी वाला नगर अनियंत्रित अदूरदर्शी विकास की भेंट चढ़ रहा है। सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है तो दूसरी तरफ बाईपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिला रही है। हल्का भूकम्प इस नगर को जमींदोज करने के लिये पर्याप्त होगा। आपदा से बचाव के उपाय करने के बजाय आपदा की प्रतीक्षा करने का सरकार का रवैय्या बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इंकलाबी नौजवान सभा के संयोजक एडवोकेट विक्रम मावड़ी ने कहा कि सरकार द्वारा कराए गए वैज्ञानिक सर्वेक्षण के समय 17 अगस्त 2022 के मुकाबले अब जनवरी 2023 तक स्थिति बहुत गम्भीर व चिंताजनक हो चुकी है, इसलिए तत्काल युद्धस्तर पर कार्यवाही की जरूरत है।
ज्ञापन में लोगों के तुरन्त विस्थापन पुनर्वास की व्यवस्था, क्षतिपूर्ति बाजार दर पर करने, लोगों को हुए नुकसान की भरपाई एनटीपीसी से कराए जाने, बेघर हो रहे लोगों के आवास निवास की व्यवस्था करने की मांग की गई है। कार्यक्रम में भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय, आइसा नगर अध्यक्ष सुमित कुमार, एडवोकेट विक्रम मावड़ी संयोजक इंकलाबी नौजवान सभा, सह संयोजक रेखा, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता लालमणि, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (एपवा) नेता दीक्षा, कंचन, मौ. रेहान, विजय कुमार, उमेश कुमार आदि शामिल रहे।