Jungleraj Returns in Bihar : ताबड़तोड़ हो रही हैं हत्याएं और मूकदर्शक बनी हुई है पुलिस
बीते सोमवार (28 March) की रात को बाइकसवार अपराधियों ने गोली मारकर दानापुर नगर परिषद (Danapur Nagar Parishad) के उपसभापति दीपक कुमार (Deepak Kumar Mehta) मेहता की हत्या कर दी थी। घटना के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया था कि पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गयी हैं। हालांकि मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक पुलिस इस मामले में किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है...
Jungleraj Returns in Bihar : बिहार में अपराधी बेलगाम एक बार फिर बेलगाम हो गए हैं। हत्या और लूट की वारदातें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आश्चर्य की बात ये है कि राजधानी पटना में ही लगातार हत्याएं हो रही हैं पर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। राजधानी पटना में अपराधियों के मन में पुलिस और पकड़े जाने का डर लगभग खत्म हो चुका है। बीते एक हफ्ते में अपराधी एक के बाद एक कई सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
दानापुर नगर परिषद् के उपसभापति को मार डाला
बीते सोमवार (28 March) की रात को बाइकसवार अपराधियों ने गोली मारकर दानापुर नगर परिषद (Danapur Nagar Parishad) के उपसभापति दीपक कुमार (Deepak Kumar Mehta) मेहता की हत्या कर दी थी। घटना के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया था कि पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गयी हैं। हालांकि मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक पुलिस इस मामले में किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है।
बीते एक हफ्ते में एक के बाद एक हत्या के कई वारदात हुए
इसके घटना के बाद भी शहर के दूसरे कई इलाकों में अपराधियों ने बेखौफ होकर हत्या की दूसरी वारदातों को अंजाम दिया है। जहां पटना के पटना सिटी (Patna City) बहादुरपुर (Bahadurpur) में IIT के छात्र का शव सड़ी गली हालत में मिला तो वहीं दीघा में एक महिला का शव बरामद किया गया। इस मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन में जुट गई है। हालांकि दोनों घटनाओं में भी पुलिस के हाथ अब कुछ ठोस नहीं लगा है।
पटना रामकृष्ण कॉलोनी (Ramkrishna Nagar) के सरस्वती लॉज (Saraswati Lodge) में रहकर आईआईटी (IIT) की तैयारी करने वाला राहुल कुमार की गला दबाकर और चाकू से वार कर हत्या कर दी गई। राहुल के दादा के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दीघा थाना (Digha Thana) क्षेत्र के मखदुमपुर साई शिवम स्कूल के उर्मिला कुंज (Urmila Kunj) में फर्स्ट फ्लोर पर महिला की संदेहास्पद स्थिति में शव मिला है।
पूरे बिहार में कई आपराधिक वारदात हुए
इस दौरान बिहार के अन्य जिलों में भी अपराध और लूटपाट की गई घटनाएं दर्ज की गयी हैं। इन सभी घटनाओं में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया। पुलिस की ओर कार्रवाई की बात तो जरूर कही गयी लेकिन इस कार्रवाई का असर अपराधियों पर कतई नहीं दिखा। इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार में बढ़ रही अपराध की घटनाओं पर कहा कि बिहार में भी यूपी की तरह अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने यह कह तो दिया लोगो सुनने में अच्छा भी लगा पर यह सिर्फ एक बयान होकर ही रह गया है। यहां के अपराधियों पर तो इसका कोई असर नहीं दिखने को मिला है।
SCRB के आंकड़ों में भी बढ़ा क्राइम
बिहार स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के साल 2020 के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से सितंबर के सिर्फ नौ महीनों में ही राज्य में 2406 लोगों की हत्या कर दी गयी। इस दौरान सबसे अधिक पटना में 159 लोगों की हत्या की गयी। इसके बाद गया में 138 और मुजफ्फरपुर में 134 लोगों की हत्या की गयी। सबसे कम हत्या की घटनाएं शिवहर जिले में दर्ज की गयी। वहां इस दौरान सिर्फ छह लोगों की हत्या की घटना ही दर्ज की गयी।
पुलिस रेंज के अनुसार इन आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2020 में जनवरी से सितंबर के बीच के इन नौ महीनों में तिरहुत रेंज में 294 लोगों की हत्या की गयी। मगध रेंज में 276 लोगों की हत्या हुई। मुंगेर रेंज में 145, कोसी रेंज में 141 जबकि बेगूसराय रेंज में हत्या की 124 वारदातें दर्ज की गयीं।
पुलिस अपना रही टालमटोल वाला रवैया
एससीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में जनवरी से सितंबर तक की नौ महीने की इसी समयावधि में बिहार में 1106 दुष्कर्म के मामले भी दर्ज किए गए थे। इस आंकड़े कर मतलब यह है कि बिहार में इस दौरान हर दिन 4 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। इसी दौरान राज्य में फिरौती के लिए 20 अपहरण किए गए थे जबकि लूटपाट और डकैती के 1300 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि हत्या के इन चौंकाने वाले आंकड़ों के बाद भी पुलिस का बार-बार यही कहना था कि इनमें से ज्यादातर हत्याएं जमीन विवाद या आपसी दुश्मनी के कारण हुई।
खैर, हत्या चाहे किसी भी कारण से हुई हो पर गिनती तो इसकी अपराध के रूप में ही होगी। इसकी रोकथाम की जिम्मेदारी भी सरकार और प्रशासन की ही होगी। पर इन स्थितियों से निपटने में प्रदेश की कानून व्यवस्था लचर नजर आती है। हाल के दिनों में इसी लचर रवैये के कारण प्रदेश में अपराध की वारदातों में बेहिसाब वृद्धि हुई है।
जंगलराज की वापसी के राह पर बिहार
इसके स्पष्ट आंकड़े तो किसी एजेंसी या पुलिस की ओर से जारी होने के बाद ही पता चलेंगे पर अगर बिहार में बीते छह महीने की मीडिया रिपोर्टों और अखबारों में छपी क्राइम की सुर्खियों पर गौर करें तो बिहार में अपराध की जमीनी हकीकत को समझने में देर नहीं लगेगी। बिहार में इन दिनों अपराध की जो स्थिति है उसे देखकर तो यही लगता है कि यहां एक बार फिर जंगलराज की वापसी हो रही है और कभी प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाकर सुशासन बाबू कहलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सिर्फ बैठकों के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।