Kangana Ranaut के सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल

Kangana Ranaut : याचिकर्ता ने कंगना पर ये आरोप लगाया गया है कि वह सोशल मीडिया के जरिए अपने बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का गलत दुरुपयोग कर रही हैं...

Update: 2021-12-01 12:46 GMT

(कंगना रनौत की सोशल मीडिया पोस्ट सेंसर करने के लिए SC में याचिका दाखिल)

Kangana Ranaut : देश में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट को सेंसर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court) में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता सरदार चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, ट्राई और विभिन्न राज्यों के राज्य पुलिस अधिकारियों को कंगना रनौत के खिलाफ सोशल मीडिया पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की।

याचिका में रनौत के बयान (इंस्ट्राग्राम पर डाला गया) का जिक्र करते हुए कृषि कानूनों के सबंध में खालिस्तानी आर्म ट्विस्टिंग टैक्टिक के रूप में इसके अप्रासांगिक संदर्भ के संबंध में इसके खिलाफ सभी जगह दर्ज प्राथमिकी को खार पुलिस स्टेशन (मुंबई) में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

इसके साथ ही 6 महीने में चार्जशीट दाखिल करने और 2 साल में ट्रायल पूरा करने का अनुरोध किया गया है। याचिकर्ता ने कंगना पर ये आरोप लगाया गया है कि वह सोशल मीडिया के जरिए अपने बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का गलत दुरुपयोग कर रही हैं। याचिका में कहा गया है कि सिख किसानों के मुद्दे को रनौत ने 'खालिस्तानी आर्म ट्विस्टिंग' बताया। इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान भारतीयों के बीच नफरत फैला सकते हैं, इससे देश में फूट पड़ सकती है। एक तरीके से कोर्ट में कंगना के बयान को समाज में अशांति फैलाने वाला बताया गया है।

कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा था कि 'खालिस्तानी आतंकी आज सरकार का हाथ मरोड़ रहे हैं, लेकिन एक महिला को मत भूलना, एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इनको अपनी जूती के नीचे दबाकर कुचल दिया था। कष्ट सहना पड़े लेकिन अपने जीवन की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी ये लोग उसके नाम से कपते हैं। इनको वैसी ही गुरु चाहिए।'

याचिका में क्या कहा गया

याचिका में कहा गया था कि यह बयान कई निर्दोष सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चे को अपनी जान गंवाने के साथ-साथ बलात्कार को जायज ठहरा रहा है। इस बयान में नागरिकों के बीच उत्तेजना और शांति भंग के हर तत्व हैं। प्रतिवादी उपद्रव, हिंसा, शरारत और भेदभाव पैदा करना चाहते हैं। इस प्रकार का बयान मीडिया और जनता का ध्यान आकर्षित करेगा और यह अंत में सिखों के खिलाफ राष्ट्र- विरोधी भावना पैदा कर सकता है।' याचिका में यह भी कहा गया है कि रनौत ने सिख धर्म की पूजा पर सीधे हमला करते हुए कहा कि सिख को इंदिरा गांधी को अपने गुरु के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

कंगना का सिखों और किसानों खिलाफ यह कोई पहला बयान नहीं है। वो लागतार किसान आंदोलन पर आपत्तिजनक बातें लिखती रही हैं। कभी किसानों को खालिस्तानी बताना तो आतंकवादी, टुकड़े टुकड़े गैंग बताती रही हैं। कंगना के सोशल मीडिया हैंडल्स की हिस्ट्री देखेंगे तो उनके कई आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट देखने को मिल जाएंगी। इन सब वजहों से ट्विटर ने कंगना रनौत का अकाउंट भी ब्लॉक कर दिया था।

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