किसानों को आतंकवादी कहने वाली कंगना को सोशल मीडिया पर मिला जवाब
कंगना ने कृषि विधेयक का विरोध कर रहे किसानों को आतंकवादी बताया है, इससे पहले 17 सितंबर को उन्होंने मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा था कि इतनी भक्ति किसी प्रधानमंत्री को नहीं मिली है...
जनज्वार। अभिनेत्री कंगना राणावत न्यूज मेकर हैं और सही-गलत हर तरीके से खबरों में आना खूब जानती हैं। उन्हें यह भी पता है कि किसी चीज को कैसे अपने पक्ष में भूना लेना है, लेकिन ऐसा करते-करते कई बार उनकी जुबान फिसल जाती है। अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना राणावत ने एक और विवादित बयान दिया है। कृषि बिल पर तेज होते जा रहे आंदोलन को लेकर लगातार सफाई दे रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कंगना राणावत ने बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की तुलना आतंकवादियों से कर दी।
अभिनेत्री कंगना राणावत ने रविवार को प्रधानमंत्री के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा : प्रधानमंत्री जी, कोई सो रहा हो तो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है, मगर जो सोने की एक्टिंग करे, ना समझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? वे वही आतंकी हैं, सीएए से एक भी इंसान की सिटिजनशिप नहीं गई मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी।
कंगना राणावत ने पीएम मोदी के जिस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ऐसा लिखा है, उसमें प्रधानमंत्री ने लिखा था : मैं पहले ही कर चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं, एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नादाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उसकी आने वाली पीढियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को भारी विरोध के बीच सरकार ने राज्यसभा में दो कृषि विधेयक पारित करवाया। इससे पहले लोकसभा में उन कृषि विधेयकों को पारित करवाया गया था। पंजाब के किसान इस बिल के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं और एक किसान ने इसके खिलाफ जहर खाकर जान भी दे दी है।
कंगना राणावत के ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया
कंगना राणावत को इस ट्वीट को करीब 14 हजार बार रिट्वीट किया जा चुका है, वहीं 50 हजार से अधिक लाइक मिले हैं। कंगना राणावत के ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया भी खूब आ रही है। भाजपा के विरोध में ट्विटर पर एक्टिर रहने वाली यूजर डाॅ मोनिका सिंह ने लिखा : आजकल कगना जैसे लोग भी किसानों की बात कर रहे हैं जिन्होंने खेत केवल गूगल पर देखे हैं।
सुकेश सिंह नामक एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया : कंगना जी चिंता न करें साहब आप से मुलाकात भी करेंगे, टिकट भी देंगे, वह बहुत मासूम और भोले हैं, अगर प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी आतंकवादी महिला को, जिनके ऊपर आतंकवाद में लिप्त होने का मुक़दमा चल रहा है को टिकट दे सकते हैं तो आप को इनकार क्यों करेंगे, आप तो बड़ी अभिनेत्री हैं, थोड़ा सब्र रखिए।
एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया : एक ही ट्वीट में सब एजेंडा घुसेड़ दिया फिर जस्टिस फाॅर सुशांत सिंह के लिए जगह नही था...इसे कहते हैं vulture ((गिद्ध) जो मृत व्यक्ति का उपयोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए करते हैं।
विशाल शर्मा नामक एक ट्विटर एकाउंट से इस पर व्यंग करते हुए लिखा गया : अगर आज कंगना ने आवाज नहीं उठायी होती तो न ड्रग्स रैकेट का पता चलता और न सुशांत की मौत के बारे में और न दिशा के बारे में पता चलता। एक व्यक्ति ने कंगना राणावत को आरएसएस का स्वयंसेवक बताने वाला मीम शेयर किया।
जन्मदिन के मोदी को वीडियो संदेश के माध्यम से कंगना ने दी थी शुभकामनाएं
कंगना राणावत ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन एक वीडियो ट्विटर पर शेयर कर उन्हें बधाई व शुभाकमानाएं दी थीं। उस वीडियो में कंगना राणावत ने प्रधानमंत्री से कहा था कि आपको जितनी भक्ति मिली हैं, उतनी किसी को नहीं। उन्होंने यह भी कहा था कि एक प्रधानमंत्री के रूप में आपको जैसी गंदी बातें लोग आपको कहते हैं, जैसे आरोप लगाते हैं, वैसा आजतक किसी प्रधानमंत्री के साथ नहीं हुआ है, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं और यह एक प्रोपेगेंडा है। लेकिन आपके इतना प्यार, सम्मान और भक्ति किसी प्रधानमंत्री को नहीं मिली है। उन्होंने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि आपको आम भारतीय बहुत सराहता है, मुझे आपसे कभी बात करने का मौका नहीं मिला, हम जब भी दो-तीन बार मिले फोटो आप्श के लिए मिले। इस बधाई पर प्रधानमंत्री मोदी ने कंगना को रिप्लाई करते हुए धन्यवाद कहा था।
सुशांत प्रकरण और ड्रग्स रैकेट के बहाने महाराष्ट्र की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार से जुबानी जंग लड़ने वाली कंगना राणावत अब बेहद स्पष्ट तौर पर अपने राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं का संकेत दे चुकी हैं। पिछले दिनों जब वे मुंबई से अपने घर जाने के लिए चंडीगढ पहुंची थीं तो उन्होंने पूरे विवाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लेते हुए कहा था कि वे इस बार बंबई में सोनिया सेना से बच गईं।