कानपुर : हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालक तो ठप हुईं सेवाएं, कोरोना सम्मान सर्टिफिकेट जलाकर किया प्रदर्शन

कानपुर में 81 एंबुलेंस स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 108 और 102 एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती हैं....

Update: 2021-07-27 05:00 GMT

(प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आउटसोर्सिंग की जगह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उन्हें वेतन दिया जाए)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के कानपुर में इन दिनों एंबुलेंस चालक और टेक्नीशियन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते एंबुलेंस सेवाएं ठप हो गयी हैं। ये सभी ट्रामा सेंटर के सभी एंबुलेंस चालक बीते तीन दिनों से कांशीराम ट्रामा सेंटर पर धरने पर बैठे हैं। सरकार की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जब उनसे मिलने नहीं पहुंचा तो आक्रोशित होकर उन्होंने कोरोना वारियर्स सम्मान सर्टिफिकेट जलाकर विरोध किया।

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आउटसोर्सिंग की जगह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उन्हें वेतन दिया जाए। इसके अलावा कोरोना वायरस से हुई मौत को कोरोना वारियर्स मानते हुए पचास लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही एंबुलेंस चालक व टेक्नीशियन स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं।

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अजय सिंह बताते हैं कि हमने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन के माध्यम से शासन और प्रशासन को अवगत करा दिया था। हम तीन दिनों से यहां पर बैठे हैं, लेकिन हमारे पास स्वास्थ्य विभाग का एक भी अधिकारी नहीं आया है। हम लोगों को कोरोना सम्मान मिला था, उसे हमने आग के हवाले कर दिया है। इन कागज के टुकड़ों से हमार सम्मान नहीं बढ़ता है। यदि हमारी मांग पूरी नहीं होती है, तो प्रदेश स्तर पर एंबुलेंस ठप सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।

कानपुर में 81 एंबुलेंस स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 108 और 102 एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती हैं। एंबुलेंस चालक कांशीराम ट्रामा सेंटर में गाड़ियों को खड़ी कर हड़ताल पर चले गए। इसकी वजह से मरीज और तीमारदार इधर-उधर भटकते हुए नजर आए।

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