Karauli Violence : नफरत की आग से मासूम को बचाते कांस्टेबल की हो रही चौतरफा तारीफ, CM गहलोत ने किया ये ऐलान

Karauli Violence : राजस्थान के करौली शहर में हुई हिंसा के बीच एक कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा असली हीरो बनकर सामने आए हैं, एक मासूम को बचाते उनकी तस्वीर खूब वायरल हो रही है....

Update: 2022-04-05 07:14 GMT

(करौली हिंसा : आग की लपटों के बीच मासूम को सीने से लगाकर बाहर निकालते कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा)

Karauli Violence : राजस्थान का कारोली शहर में जब बीते शनिवार 3 अप्रैल को हिंसा और दंगों (Violence In Karauli) से जल रहा था तभी एक राजस्थान पुलिस का एक कांस्टेबल अपनी जान से खेलकर दूसरों की जान बचा रहा था। कांस्टेबल आग की लपटों के बीच एक नवजात मासूम को सीने से लगाते हुए उसकी जान बचाते हुए नजर आ रहा है। कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा (Constable Netresh sharma) की अब सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर तारीफ हो रही है।

पत्रकार वसीम अकरम त्यागी (Wasim Akram Tyagi) अपने ट्वीट में तस्वीर साझा करते हुए लिखा- राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा अपनी सुरक्षा के बारे में सोचे बिना, निडर होकर एक बच्चे को अपने सीने से लगाकर और उसे और चार अन्य लोगों की जान करौली में नफरत की आग से बचाते हुए। प्रशासनिक संरक्षण में जहरजीवियों को पालने वाले गिरोह के सरगना के गाल पर यह तस्वीर तमाचा है। 

एक अन्य यूजर चंद्रभान सिंह ने लिखा- नेत्रेश भाई पूरे देश को आपपर गर्व है। राजस्थान का करौली शहर हिंसा की आग से जल रहा है। इसी दौरान पुलिस कांस्टेबल नेत्रेश का वो रूप देखने को मिला जिसकी उम्मीद पुलिस से हर कोई करता है। नेत्रेश ने आग में घिरी बच्ची को बचाने के लिए खुद की जान दांव पर लगा दी और बच्ची को बचा पाए।

उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने कांस्टेबल से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा- जिस तरह से आपने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है, वह काबिले तारीफ है। आपने बहुत साहस दिखाया इसकलिए आप बधाई के पात्र हैं। वहीं नेत्रेश शर्मा को प्रमोशन देते हुए हेड कांस्टेबल बना दिया गया है। नेत्रेश की नियुक्ति साल 2013 में कांस्टेबल के रूप में करौली शहर चौकी में हुई थी। 

खबरों के मुताबिक करौली में नव संवत्सर यानि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नये साल पर एक बाइक रैली निकाली गई थी। इस रैली के दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए। पत्थरबाजी के बाद हिंसा फैल गई तो तोड़-फोड़, मारपीट और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस दौरान कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया। इसी दौरान एक मकान भी आग की जद में आ गया, जिसके अंदर एक एक मासूम समेत तीन महिलाएं फंस गई थीं और मदद मांग रही थीं। इसी दौरान करौली शहर की चौकी में तैनात 31 वर्षीय नेत्रेश शर्मा की उनपर नजर पड़ी और उन्होंने अपनी जान पर खेलकर दूसरों की जान बचा ली। 

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