Karkardooma Court : दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने कहा- यदि आरोपी-पीड़िता शादीशुदा है तो दो परिचित के बीच शारीरिक संबंध बना है

Karkardooma Court : सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी के शादीशुदा होने की बात महिला को भी यह बात पता थी। जिसके बाद अदालत ने प्रथमदृष्टया मामले पर गौर करते हुए कहा कि अगर दोनों शादीशुदा थे तो शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कैसे हो सकता है...

Update: 2022-01-10 06:28 GMT

बीवी से सेक्स की उम्मीद पति का है अधिकार

Karkardooma Court : एक महिला ने अपने परिचित व्यक्ति पर दुष्कर्म का आरोप लगते हुए केस दर्ज किया था| बता दें कि महिला का कहना था कि उस व्यक्ति ने उससे शादी करने का वादा किया था, इसलिए वह उसके झांसे में आ गई और उसने आरोपी द्वारा शारीरिक संबंध बनाए जाने का विरोध नहीं किया लेकिन जब केस की सुनवाई हुई तो इस बात का खुलासा हुआ कि महिला और आरोपी पहले से शादीशुदा हैं। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी के शादीशुदा होने की बात महिला को भी यह बात पता थी। जिसके बाद अदालत ने प्रथमदृष्टया मामले पर गौर करते हुए कहा कि अगर दोनों शादीशुदा थे तो शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कैसे हो सकता है।

आरोपी की जमानत मंजूर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा की अदालत ने इस मामले में आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। बता दें कि अदालत ने आरोपी को 35 हजार रुपये के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपये मूल्य के जमानती के आधार पर जमानत दी है।

पीड़िता ने ये लगाए थे आरोप

बता दें कि इस मामले में एक पक्ष यह भी रहा कि मामले की सुनवाई के दौरान जब पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने उससे कहा था कि उसकी पत्नी कैंसर की बीमारी से पीड़ित है, इसलिए वह आरोपी के इस झांसे में आ गई कि वह उससे शादी करेगा| अदालत ने इस बात को गौर करते हुए कहा कि जब पीड़िता खुद एक विवाह के संबंध में है तब वह आरोपी से शादी कैसे कर सकती थी। आगे अदालत ने कहा कि कानूनी तौर पर दोनों को शादी करने के लिए अपने-अपने जीवन साथी से अलग होना अनिवार्य था। यहां दो परिचित लोगों के बीच शारीरिक संबंध बनाने का मामला है, लेकिन शादी के झांसे जैसी बात उचित नजर नहीं आ रही। हालांकि, अदालत ने कहा कि अंतिम निर्णय मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद ही आ सकता है।

यह था मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामले में अदालत ने बचाव पक्ष की उस दलील पर विचार किया जिसमें बताया गया कि पीड़िता 45 वर्षीय महिला दो बच्चों की मां है और कानूनी तौर पर विवाहित है। बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि जब आरोपी और पीड़िता दोनों विवाहित हैं तो इस मामले में शादी के झांसे की बात कैसे की जा सकती है। बचाव पक्ष का कहना था कि पीड़िता को इस बात की जानकारी थी कि आरोपी विवाहित है और अपनी पत्नी के साथ रहता है। उसके बावजूद उसका आरोपी के इस झांसे में आना कहां तक उचित है कि वह उससे शादी करेगा। 

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