Salaam Aarti: कर्नाटक के मंदिर में नहीं होगी टीपू सुल्तान के दौर से चली आ रही 'सलाम आरती', बदला गया 300 साल पुराना नाम

Salaam Aarti: कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने 18वीं शताब्दी के असहिष्णु और अत्याचारी शासक टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) द्वारा कर्नाटक (Karnataka) के कुछ मंदिरों में की जाने वाली 'सलाम आरती' (Salam Aarti) का नाम बदलने का फैसला किया है।

Update: 2022-12-11 17:40 GMT

Salaam Aarti: कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने 18वीं शताब्दी के असहिष्णु और अत्याचारी शासक टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) द्वारा कर्नाटक (Karnataka) के कुछ मंदिरों में की जाने वाली 'सलाम आरती' (Salam Aarti) का नाम बदलने का फैसला किया है। अब इसे संध्या आरती के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला हिंदुओं और हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर किया गया हैं। इन संगठनों ने राज्य सरकार से टीपू सुल्तान के नाम पर की जाने वाली रस्मों को खत्म करने की मांग की, जिसमें सलाम आरती भी शामिल थी।


टीपू सुल्तान के समय में मंदिरों में संध्या आरती (Sandhya Aarti) का नाम फारसी शब्द 'सलाम आरती' के नाम पर रखा गया था। लेकिन अब इसे संस्कृत में "संध्या आरती" (Sandhya Aarti) के नाम से जाना जाएगा। राज्य धार्मिक परिषद के सदस्य काशेकोडी सूर्यनारायण भट के अनुसार, टीपू सुल्तान के कहने पर हिंदू मंदिरों में "सलाम आरती" का नाम थोपा गया था। उनके अनुसार सलाम शब्द उनका नहीं है।

मांड्या जिला इंतेजामिया ने मेलकोट के चालुवनारायण स्वामी मंदिर से नाम बदलने की मंजूरी ली और इसे परिषद को सौंप दिया। कहा जाता है कि हैदर अली और उनके बेटे टीपू सुल्तान के समय मेलकोट स्थित मंदिर में हर शाम 7 बजे 'सलाम आरती' होती थी। 'सलाम आरती' का नाम बदलने की मंजूरी मिलने के बाद, कर्नाटक की हिंदू धार्मिक मण्डली मुजरई को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद पूरे कर्नाटक के सभी मंदिरों में आरती का नाम बदलने का आदेश जारी किया जाएगा।

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